श्री जैन श्वेतांबर समाज ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गौतम चौरड़िया के सेवानिवृत्त पश्चात किया सम्मान…… वक्ताओं ने जज साहब के कार्यकाल एवं उनके साथ गुज़ारे दिन पर अपने अनुभव साझा किए

श्री जैन श्वेतांबर समाज ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गौतम चौरड़िया के सेवानिवृत्त पश्चात किया सम्मान…… वक्ताओं ने जज साहब के कार्यकाल एवं उनके साथ गुज़ारे दिन पर अपने अनुभव साझा किए

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ बिलासपुर ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गौतम चौरड़िया के सेवानिवृत्त पश्चात विगत दिन सम्मान समारोह का आयोजन अग्रसेन चौक स्थित ग्रैंड अंबा होटल में पूरे समाज की उपस्थिति में गरिमामय रूप से किया गया । कार्यक्रम में अशोक लुनिया सेवानिवृत्त जज, पंकज जैन एडीजे भी उपस्थित थीं ।‌ साथ ही समाज के अध्यक्ष विमल चोपड़ा, गुजराती जैन समाज के अध्यक्ष भगवानदास सुतारिया, जैन सभा से अमित जैन, श्री तेरापंथ जैन समाज अध्यक्ष सुरेंद्र मालू भी उपस्थित रहे ।

वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा की जज श्री गौतम का जन्म 26 नवंबर 1961 को राजनांदगांव के विजय लाल दिखी देवी चौरड़िया के यहां हुआ । श्री चौरड़िया ने बीकॉम एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की एवं 3 साल वकालत के पश्चात 1986 में व्यवहार न्यायाधीश के रूप में राजनांदगांव में नियुक्ति हुई । आप 2005 से 2009 तक सदस्य सचिव राज्य विधिक प्राधिकरण विजिलेंस उच्च न्यायालय रहे । फिर जिला जज के पश्चात् ज्यूडिशल अकैडमी में कार्य किया। कुछ समय रजिस्ट्रार जनरल और 2018 में उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद पर प्रतिष्ठित हुवे ।

कार्यक्रम में जज श्री चौरड़िया के बारे में अपने विचार रखने वालों में सुरेंद्र मालू ने बताया कि जज साहब गुरु भगवंतो पर‌ समर्पित रहें, भगवानदास सुतारिया ने 15 साल पुरानी एक‌ वाक्य को याद किया, इंदरचंद बैद, पूर्णिमा सुराना ने बताया कि धार्मिक पाठशाला में आकर जज साहब ने आकर हमें प्रोत्साहित किया था, सुभाष श्रीश्रीमाल एवं सोनल बैद ने जीवन परिचय दिया, डॉ अरिहंत जैन ने कहा कि इतने बड़े पद में भी रहकर इतने सरल स्वभाव और उनके द्वारा जो आदर सम्मान करना हम सबको प्रभावित करता है और हम सबको इससे प्रेरणा मिलती है। संजय छाजेड़ ने कविता, अधिराज सुराना ने अपने अनुभव, आशीष सुराना ने उनके द्वारा बताई गई बातों का जिक्र किया, मंगलाचरण प्रेरणा सुराना, भावना चोपड़ा‌ एवं त्रिशला महिला मंडल के द्वारा, गणेश वंदना पूर्वा छाजेड़, अतिथि स्वागत गीत अर्पिता डोशी, अतुल्या कोचर, मंच संचालन सुभाष श्रीश्रीमाल ने किया ।

श्री चौरड़िया सेवानिवृत्ति के बाद परिवार के साथ गुरुदेव के मिशन नशा मुक्ति, नैतिकता एवं सद्भावना पर कार्य करने के उनके विचार हैं । समाज को अपना समय एवं मार्गदर्शन देंगे । कार्यक्रम में पूरे समाज ने अपनी सहभागिता दी । कार्यक्रम के अपने उद्बोधन में वक्ताओं ने जज साहब के उज्जवल भविष्य की कामना की । वक्ताओं ने जज साहब के साथ अपने अनुभव भी शेयर किये । वक्ताओं ने कहा जज साहब ने अपने कार्यकाल में कई गंभीर और महत्वपूर्ण फैसले भी दिये ।

इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष विमल चोपड़ा, भगवान दास सुनारिया, सुरेंद्र मालू, अमित जैन, नरेंद्र मेहता, सुभाष श्रीश्रीमाल, पूर्व जीएसटी उप कमिश्नर इंदरचंद बैद, कोषाध्यक्ष संजीव चोपड़ा, संगीता चोपड़ा, प्रवीण कोचर, संजय अजय छाजेड़, गौतम बाफना, अधिराज सुराना, आशीष सुराना, प्रवीण रूपेश गोलछा, त्रिलोक चंद झाबक, अविनाश चोपड़ा, महिपाल सुराणा, डॉ नीरज शेंडे, उषा शेंडे भारतीय जैन संघठना के राज्य सचिव अमरेश जैन सहित समाज के लोग उपस्थित थे ।

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