रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके जैन संत और उनके अनुयायी महावीर स्वामी द्वारा बताए गए सिद्धांतों को जीवन में उतारते हैं और उसी के अनुसार आचरण करते हैं। वे सदैव अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं तथा जीव हत्या न हो, इस पर विश्वास करते हैं और उसके अनुसार ही कार्य भी करते हैं। वर्षा ऋतु में नये-नये सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति होती है और इस दौरान किसी भी प्रकार की जीव हत्या न हो, इस कारण जैन मुनि एक ही जगह पर रूक कर चातुर्मास का आयोजन कर अपनी धार्मिक क्रियाओं को संपन्न करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस दौरान किए गए कर्म और विभिन्न धार्मिक क्रियाओं से आसपास के वातावरण में शुद्धता आती है और शांति व सद्विचारों का वातावरण निर्मित होता है। साथ ही समाज के लोगों को यह संदेश मिलता है कि हम अपने जीवन को किस प्रकार अच्छे कार्यों में लगाएं, जिससे पूरे देश और प्रदेश में शांति, खुशहाली और भाईचारे का वातावरण निर्मित हो।
इस दौरान राज्यपाल ने दैनिक विश्व परिवार समाचार पत्र के विशेषांक का विमोचन किया। साथ ही इस विशिष्ट अवसर पर जैन समाज ने राज्यपाल सुश्री उइके को सम्मान स्वरूप प्रतीक चिन्ह और दिगम्बराचार्य विशुद्ध सागर विरचित ताम्रपत्र में अंकित ‘‘सत्यार्थ बोध’’ नीति ग्रंथ भेंट की।
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