बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, क्रांतिनगर बिलासपुर में सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है। विधान के सातवें दिन श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीजी के समक्ष मण्डल पर 512 अर्घ्य चढ़ाएं, साथ ही उन्होंने भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की। इस धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन के पहले दिन से आज तक प्रतिदिन धर्मानुरागी सुबह से बड़ी संख्या में भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन और विधान करने बड़ी भक्ति भाव से मंदिर पहुंच रहे हैं।
विधान के दौरान विधानाचार्य बाल ब्रह्मचारी पंकज जैन ने कहा कि सिद्धचक्र महामंडल विधान के आयोजन में सिद्धों की आराधना करने व सिद्ध भगवान के गुण अनुभाव का अवसर हमें प्राप्त हुआ है। सिद्ध भगवान तीनों कर्म मलों से रहित हो गए हैं, देह से रहित अनंत काल तक आनंद में विराजते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने दैनिक जीवन में मन से, वचन से,काय से, गलत काम करना, कराना एवं करने वाले की अनुमोदना करना, क्रोध के कारण, मान के कारण, माया के कारण, लोभ के कारण, किसी गलत कार्य को करने का विचार करना, गलत कार्य करने के साधन जुटाना एवं कार्य को प्रारंभ करना इस प्रकार से कुल 108 प्रकार के पापों का आश्रव करते रहते हैं। सिद्ध परमेष्ठी इन 108 प्रकार के पापों से रहित होते हैं। हम भी अपने इन 108 पापों को नष्ट कर 20 विशेष गुणों को प्राप्त कर सके। इसी कामना के साथ इस सिद्ध चक्र महामंडल विधान में आज सातवें दिन 512 अर्घ्य के माध्यम से सिद्ध भगवान की आराधना की गई है। विधानाचार्य पंकज भैया ने कहा कि सभी को प्रतिदिन मंदिर जी आना चाहिए, जितने देर के लिए आप मंदिर जी में रहते हैं और ध्यान, पूजा या जाप करते हैं उतने देर के लिए आप पांच प्रकार के पापों से दूर रहते हैं, इससे आपको कुछ पुण्य बंध लगता है।
उन्होंने कहा कि धर्म करने वाला कभी भी दुखी नहीं होता, बशर्ते धर्म शुद्ध मन और बिना किसी लालच के किया जाए।
अनुष्ठान के सातवें दिन मुख्य पात्र के अलावा शांतिधारा करने का सौभाग्य जय कुमार जैन -अमित जैन, चौधरी सुभाष जैन, संजय अजय नायक, सुकुमार सरिता जैन, एवं वीर कुमार ज्योति जैन के परिवार को मिला। इस वर्ष के श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान में इन्द्र इन्द्राणी बनने का सौभाग्य चौधरी पदम चंद – शीला जैन, श्रीमती श्रद्धा जैन, प्रफुल्ल चंद – लीला जैन, सतेन्द्र – निधि जैन, महेन्द्र – शांति जैन, नरेन्द्र – सुमन जैन, कैलाश – संध्या जैन, अभिषेक – श्वेता जैन, अजय – नीतू नायक, विजय – जयंती जैन, सुरेन्द्र – ऊषा जैन, श्रीमती सरोज जैन, महेन्द्र – निर्मला जैन, मनीष – रंजीता कलरैया, नीरज – मनीषा जैन, श्रीमती सविता जैन, संदीप – अर्चना जैन, नितिन – अंशु जैन, अमित – विधि जैन, वीर कुमार – ज्योति जैन, सचेन्द्र – स्मिता जैन, श्रेयांश – अंकिता जैन, शैलेष – संगीता जैन, संजय – मीना जैन, अरविंद – पुष्पा जैन, अर्पित – प्रतिमा जैन, संजय – निर्मला जैन, श्रीमती आशा दोशी, सुनील – नमिता जैन को प्राप्त हुआ।