पर्युषण पर्व के तीसरे दिन सामायिक दिवस
बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ़)। श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ समाज चोपड़ा भवन तारबहार, स्थानकवासी उपाश्रय टिकरापारा, वैशाली नगर में तेरापंथ समाज के द्वारा परम पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 2022 शुक्रवार को सामायिक दिवस के रूप में मनाया गया । सुबह विशेष पूजा, सामायिक, कल्प सूत्र का वाचन मे पांचवा सूत्र जिसमें पुष्पमाला के बारे में बताया गया । रात मे प्रतिक्रमण एवं रात्रि में बच्चे, महिलाओं, पुरुषों के द्वारा कई जैन धार्मिक भक्ति गीत प्रस्तुत किया गया । साथी धार्मिक प्रतियोगिताएं भी कराई गई । सभी तपस्वियों की सुख साता पूछी गई ।
पर्युषण महापर्व के शुक्रवार को तारबाहर स्थित चोपड़ा भवन में सुबह पूजन की वेशभूषा धारण कर स्तवन कुलनायक पूजा, मंगल दीपक सहित कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए । समाज की श्रीमती ज्योति चोपड़ा एवं श्रीमती प्रमिला चोपड़ा द्वारा कल्प सूत्र का वाचन किया गया । पर्युषण पर्व में समाज के प्रत्येक घरों में तपस्या चल रही है। जिसमें एकासना, ब्यासना और भी कई कठिन तप किए जा रहे हैं । सभी तपस्वियों के तप की बहुत-बहुत समाज द्वारा अनुमोदना करते हुये तपस्या की सुख साता पूछी गई और उनके स्वास्थ्य की मंगलकामना सभी ने की । पर्युषण पर्व में प्रतिदिन बोली लगाई जा रही है । जिसमें शांति कलश, आरती, रात्रि में कुल नायक, दादा गुरुदेव एवं मंगल दीपक की आरती की बोली लेकर समाज के कई परिवार लाभ ले रहे । धार्मिक प्रतियोगिता श्रीमती नमिता गादिया एवं श्रीमती पुष्पा बैद के द्वारा खिलाई गई।
इस अवसर पर विमल चोपड़ा, संजय कोठारी, नरेंद्र मेहता, सुभाष श्रीश्रीमाल, दिनेश मुणोत, प्रवीण कोचर, ज्योति कोचर, मीनू मेहता, पुष्पा श्रीश्रीमाल, अपेक्षा चोपड़ा, ललिता कोठारी, किरण चोपड़ा, राशि, पंखुड़ी, प्रखर सहित समाज के लोग उपस्थित थे।
प्रवचन में मिथ्या दृष्टि और सम्यक दृष्टि के बारे में समझाया गया ….
जैन श्वेतांबर तेरापंथ संघ के पर्यूषण पर्व पर धर्म विद विशारद तेरापंथ के आचार्य श्री महाश्रमण जी की महती कृपा से श्रीमती प्रेमलता नाहर अंकलेश्वर से और पुष्पा पगारिया सूरत से दो उपासिका बहने पधारी है और उनके सानिध्य में निर्बाध रूप से हुलसचन्द गोलछा के निवास स्थान वैशाली नगर में पर्यूषण पर्व की आराधना हो रही है । प्रवचन में मिथ्या दृष्टि और सम्यक दृष्टि के बारे में बताया कि वास्तव में दोनों की बाहरी परिणति में कोई अंतर नहीं दिखता है, लेकिन दोनों के मनोभाव में बड़ा अंतर होता है । यह भीतर का जो बारीक़ अंतर है, यही दोनों को पूरब से पश्चिम में ले जाता है । एक का उद्देश्य संसार और संसारिकता का पोषण है और दूसरे का उद्देश्य परमार्थ से जुड़ा है । एक सम्यक दृष्टि भी घर – परिवार का संचालन करता है और एक मिथ्या दृष्टि भी घर परिवार का संचालन करता है । मिथ्या दृष्टि घर – परिवार और संसार के अन्य कर्तव्यों को कर्त्ता बुद्धि से करता है और सम्यक दृष्टि उसे कर्तव्य भावना से करता है मिथ्यात्व के स्वरुप को समझने के लिए उसके 5 मुख्यभेदों को समझ लेना आवश्यक है |
नवकार महा मंत्र की महिमा एवं उसके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया
बिलासपुर श्री दशाश्रीमाणी स्थानकवासी जैन समाज के पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के दौरान प्रवचन में टिकरापारा स्थित उपाश्रय में स्वाध्याय वाचन हेतु जैन दर्शन स्वाध्याय संघ अहमदाबाद से पधारी स्वाध्यायी बहनों ने प्रवचन में नवकार महा मंत्र की महिमा एवं उसके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया गया । नवकार मंत्र प्रत्येक जैन परिवार के सदस्यों को बोलना चाहिए नवकार मंत्र बोलने से कई प्रकार के लाभ होते हैं वैसे तो नवकार मंत्र बोलने के नियम होते हैं जैसे कि भोजन करते समय पांच बार नवकार मंत्र कहना चाहिए, रात में सोने के पहले 7 बार नवकार मंत्र बोलना चाहिए, हर सुबह उठते समय 8 बार नवकार मंत्र बोलना चाहिए।
नवकार महामंत्र दिन में सिर्फ एक बार बोलने से सात सागर जितना पाप दूर होता है इस नवकार मंत्र को 5 बार बोलने से 500 सागर रूपी पाप दूर होते हैं यदि मनुष्य एक लाख बार नवकार मंत्र का जाप करता है तो तीर्थंकर के नाम का गोत्र मिलता है और यदि 9 लाख बार नवकार मंत्र का जाप करता है तब नरक गति जाने से बच जाता है और उनको देवों का आयुष्य प्राप्त होता है।
यदि मनुष्य के द्वारा नवकार मंत्र का स्मरण करना जाप करना अपने जीवन में शुरू कर देता है तो वह स्वयं ही जान जाएगा कि उसके जीवन में कितना सुख बढता जा रहा है। उसके कई परेशानियां स्वता ही सुलझती जा रही है जीवन सरल और सुंदर बनता जा रहा है।
कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष भगवानदास भाई सुतारिया, नरेंद्र तेजाणी, दीपक गांधी, किशोर देसाई, गोपाल वेलाणी, कीर्ति सुतारिया, मनीष शाह, शरद दोशी, गीतांजलि शाह, पारूल सुतारिया, छाया देसाई, रमीला पटेल, रश्मि तेजाणी, सुधा गांधी, भाविका तेजाणी, निशा दोशी, दीपा सुतारिया, देवीला सुतारिया, ज्योत्सना तेजाणी, श्रुति कोठारी, लता देसाई, बरखा देसाई, सभी उपस्थित थे ।