जुड़वा बच्चों में एक था अविकसित, दोनो को था जान का खतरा,डॉक्टर ने बचाया ! डॉ. सुरभि मोहोबे ने किया सफल ऑपरेशन….

जुड़वा बच्चों में एक था अविकसित, दोनो को था जान का खतरा,डॉक्टर ने बचाया ! डॉ. सुरभि मोहोबे ने किया सफल ऑपरेशन….



राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़), 04 सितंबर । मां के गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चों की जिंदगी खतरे में सांस ले रही थी । जांच के समय सोनोग्राफी में स्पष्ट चित्र आने के बाद स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरभि मोहोबे ( डॉ. कुमुद मोहोबे मेमोरियल हॉस्पिटल ) बल्देव बाग को यह जानकारी हुई । उन्होंने गर्भवती महिला के परिजनों को उक्त स्थिति से अवगत कराया और बताया कि एक बच्चा पूर्ण रूप से अविकसित है, जबकि दूसरे की जान को भी खतरा है । ऐसे मामलों को पैरासिटिक ट्विन की स्थिति कहा जाता है , जो बहुत कम मामलों में सामने आते हैं । डॉ. सुरभि ने परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी ।


लगभग पांच दिन पूर्व गर्भवती महिला श्रीमती सीमा डेहरे निवासी ग्राम परसुली जिला बालोद का ऑपरेशन डॉक्टर सुरभि मोहोबे द्वारा डॉक्टर कुमुद मोहोबे हॉस्पिटल में किया गया । ऑपरेशन बड़ा जटिल था । कारण यह कि दोनो बच्चे , विकसित एवं अविकसित एक ही नाल से जुड़े हुए थे । अविकसित बच्चे को नाल से अलग करने पर दूसरे के जीवन को भी खतरा हो सकता था क्योंकि उसे भी खून की आपूर्ति उसीके द्वारा की जा रही थी । ऐसी विषम परिस्थिति में डॉक्टर सुरभि मोहोबे ने बड़ी सावधानी के साथ ऑपरेशन किया । हमे चर्चा के दौरान डॉक्टर सुरभि ने बताया कि जो अविकसित बच्चा था वह वास्तव में एक मांस के लोथड़े की तरह था । उसके शरीर में हार्ट भी नहीं बन पाया था । पूर्ण विकसित बच्चे के जीवन को बचाने के लिए डॉक्टर सुरभि ने अविकसित बच्चे के साथ जुड़े नाल को न काटते हुए उसमे से खून के संचार को रोकने नाल को बंद कर दिया । दूसरी ओर मां से मिलने वाले खून को भी रोका गया ।


ऑपरेशन के तुरंत बाद अविकसित बच्चे को अलग करते हुए जीवित बच्चे को कोई खतरा न हो इसलिए उसे तुरंत वेंटीलेटर में रखा गया । बच्चे की स्थिति नार्मल होने तक डॉक्टर ने उसे अपने सतत ऑब्जर्वेशन में रखा । हर पल उसके शरीर के तापमान के अलावा अन्य स्थितियों की रिपोर्ट ली जाती रही । इस पूरी प्रक्रिया में डॉक्टर मोहोब हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सौरभ मोहोबे की सेवाएं भी ली गईं । उन्होंने बच्चे के लिए जरूरी जीवनरक्षक दवाइयों के अलावा अपनी देख – रेख़ जारी रखी । अब पांचवें दिन बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है तथा सांस लेने में सक्षम है । ग्राम परसूली के गरीब किसान परिवार ने अपने बच्चे एवं उसकी मां को स्वस्थ पाकर डॉक्टर सुरभि एवं डॉक्टर सौरभ मोहोबे का आभार माना ।
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