2579 वाँ जिनशासन स्थापना दिवस मनाया गया

2579 वाँ जिनशासन स्थापना दिवस मनाया गया

राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 2579 वें साल पहले 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी ने अपने असीम ज्ञान दीपक द्वारा इस अन्धकार में डूबे संसार को प्रकाशित किया था और अपने शासन की स्थापना की थी।

सकल जैन श्रीसंघ की साक्षी में जैन संघ के सुश्रावक तपस्वी शिखरचंद बैद द्वारा आज श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर के समीप ध्वजारोहण किया गया।
सकल जैन श्रीसंघ के अध्यक्ष मनोज बैद ने बताया की आज से 2579 वर्ष पूर्व मिगसर वदि 10 के दिन प्रभु महावीर ने ‘शिवमस्तु सर्वजगतः’ के सिद्धांत को हम तक पहुंचाते हुए, सभी जीवों को अभयदान देने के लिए पंच महाव्रतों को धारण किया था यानी दीक्षा ली थी।
दीक्षा के बाद लगभग साढ़े 12 वर्ष तक घोर उपसर्ग और परिषह सहते हुए वैशाख सुदी 10 के दिन जृंभिका गांव के पास ऋजूवालिका नदी के तट के समीप शाल वृक्ष के नीचे गोधुहिका मुद्रा में ध्यानस्थ प्रभु को सर्वज्ञान यानी केवलज्ञान प्रकट हुआ।
उसी जगह देवों द्वारा समवसरण की रचना की गई लेकिन प्रभु की देशना में अनेकों देव, तिर्यंच प्राणी यानी पशु पक्षी तो आए, लेकिन कोई मनुष्य नहीं ! इस कारण किसी ने भी दीक्षा ग्रहण नहीं की क्योंकि देव और पशु पक्षी दीक्षा नहीं ले सकते हैं और जब तक किसी की दीक्षा ना हो तब तक शासन की स्थापना नहीं हो सकती ।

अगले दिन यानी वैशाख सुदि 11 के दिन प्रभु महावीर अपापापूरी यानी आज की पावापुरी में पधारे,वहां पर पुनः देवों द्वारा समवसरण की रचना की गई। तब प्रभु के हाथों से इंद्रभूति गौतम जिन्हें हम गौतम स्वामी के नाम से जानते हैं, चंदनबालाजी आदि कई लोगों ने दीक्षा ली और तब प्रभु ने चतुर्विध श्रीसंघ जिसमें साधु, साध्वी, श्रावक, श्राविका आते हैं उसकी स्थापन की और इस तरह जैनशासन की स्थापना हुई।
प्रभु वीर का मार्ग हमारी आत्मा को परमात्मा बनने का मार्ग दिखाता है।
सकल जैन श्री संघ से राजेंद्र सुराणा,ज्ञानचंद कोठारी, श्रीचंद कोचर, मनीष छाजेड, प्रभात कोटडिया, अशोक पारख, दीपक कोठारी, सुशील छाजेड, नरेश बैद, दीपक नवलखा, रितेश लोढ़ा, रमेश गोलछा, सिद्धेश बरडिया, आशीष बैद आदि सहित पुरुष महिला बच्चे सभी वर्ग के लोग उपस्थित थे।

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