चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र ने सावन झूला उत्सव के अवसर पर इंक्यावन कत्थक नृत्य साधकों द्वारा नृत्य उत्सव   मनाया

चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र ने सावन झूला उत्सव के अवसर पर इंक्यावन कत्थक नृत्य साधकों द्वारा नृत्य उत्सव मनाया

 
            राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 3 अगस्त। . छत्तीसगढ़ अंचल की कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अग्रणी संस्था चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र अपनी 4 अगस्त 2083 को चालीसवी पड़ाव पूर्ण होने के अवसर पर विक्रम संवत शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिनांक एक अगस्त 2023 को संपन्न नृत्य उत्सव के रूप में संस्कारधानी की कुल देवी सिद्धपीठ सिद्धीदात्री माँ श्री शीतला माता के श्रीचरणों में संस्था के हर उम्र के कत्थक नृत्य साधकों ने नगर की आराध्य देवी माँ के समक्ष विभिन्न नृत्य भंगिमाओं, अंगहारो, स्थानकों, हावभाव एवं मनोरम नृत्य भावों के माध्यम से श्रद्धापूर्वक कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम के प्रारंभ में मंदिर के पुजारी श्री राज महाराज दानु महाराज के द्वारा सिद्धीदात्री माँ शीतला की पूजा अर्चना कर प्राचीन मंदिर परंपरा के अनुरूप सावन के महिने में नृत्य संगीत के कलाकार अपनी कला की साधना कर ईश्वर की अराधना करते थे। इन्हीं परंपराओं को आज के बच्चे एवं युवा पीढ़ी को जानकारी कराने के उद्देश्य से विगत पच्चीस-तीस वर्षो से चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र के संस्थापक एवं रायगढ़ दरबार के दरबारी कलाकार स्व. प्रो. कल्याण दास महन्त जी एवं पदम्मविभूषण स्व. पं. बिरजू महाराज जी के शिष्य डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा द्वारा कार्य करते हुए संस्कारधानी वासियों की कुशल मंगल कामनाओं के लिए नृत्य उत्सव का आयोजन किया गया।  

ज्ञात हो सावन के महिने से प्राचीन मंदिर अथवा देव स्थानों में जा कर कला साधक, कवि, वास्तुकार, चित्रकार, मूर्तिकार, नृत्यकार, संगीतकार आदि नगर देवी देवताओं में अपनी कला की साधना कर अपनी एवं नगर के नागरिकों की मंगलकामनाओं के लिए इस प्रकार का आयोजन किया जाता था। उपरोक्त आयोजन में समाज सेवी श्री राकेश कुमार, इन्द्रभूषण ठाकुर जी ने आयोजन के संबंध में अपने विचार रखें इस अवसर पर बद्रिविशाल महोबिया, भूषण लाल नेताम, नन्दलाल वाघेला, एन.एन. खान एवं बड़ी बादाद में पालकगण और नागरिक आयोजन का लाभ उठायें। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन युवा कत्थक नृत्यकार तुषार सिन्हा किया।

Chhattisgarh