ट्रेनों की लेट लतीफे से यात्रियों को हो रही परेशानी – धनेश पाटिला

ट्रेनों की लेट लतीफे से यात्रियों को हो रही परेशानी – धनेश पाटिला

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 10 सितंबर। पूर्व मंत्री एवं अंतः व्यवसायी सहकारी वित्त विकास निगम के अध्यक्ष धनेश पाटिला ने ट्रेनों की लेट लतीफी पर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ बड़ा बयान दिया है।उन्होंने छत्तीसगढ़ के रेलवे स्टेशनों में यात्रियों की बढ़ती भीड़ पर कहां है कि कभी रखरखाव कभी निर्माण कार्य के नाम पर ट्रेन कई घंटे लेट आ रही है साथ ही साथ कई ट्रेनिंग को रद्द करने से यात्रियों में काफी गुस्सा है। जबकि ट्रेनों की आवा जाही से रेलवे स्टेशनों के पास रहने वाले लोगों को रोजगार में मदद मिलती है। इसके अलावा ट्रेनों को रद्द करने और लेट लतीफी होने से देश को राजस्व का भी काफी नुकसान हो रहा है।
श्री पाटिला ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने रेलवे को निजी हाथों में सौंप दिया है। जिसके वजह से ट्रेन लगातार रद्द व लेट लतीफे हो रहे हैं। मोदी सरकार ने आमजन को सिर्फ और सिर्फ ठगने का काम किया है, उनकी हरकतों की वजह से आम जनता को परेशानी उठानी पड़ती है। जो भारतीय रेलवे करोड़ों भारतवासियों का सबसे भरोसेमंद व सस्ता परिवहन का साधन हुआ करता था, उसे मोदी सरकार ने निजी हाथों में सौंप उसकी विश्वनीयता खत्म कर दी है। बिना कोई ठोस कारण बताएं अचानक ट्रेन रद्द की कर दी जाती है । जिससे बुजुर्ग , महिलाएं पढ़ने वाले बच्चों को काफी तकलीफ हो रही है। पिछले 3 सालों में 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया है। भाजपा द्वारा लगातार जो छूट आम जनता को दी गई थी, उन्हें समाप्त किया जा रहा है। ट्रेनों में किराया को बेतहाशा विधि की गई प्लेटफार्म टिकट को भी कई गुना बढ़ा दिया गया । छात्रों को मिलने वाली रियायती भी समाप्त कर दी गई एवं बुजुर्गों को मिलने वाले छूट भी भाजपा द्वारा समाप्त कर दिया गया है। मोदी-शाह के अधिनायक वाद से डर से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं जनप्रतिनिधि जनता के प्रति अपने कर्तव्य निभाने से भाग रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा के नौ सांसदों को लोकसभा में चुनकर भेजा है, ताकि वह जनता की आवाज संसद में उठा सके, लेकिन आज छत्तीसगढ़ भाजपा के 9 सांसद मौन है। उन्हें लोगों की समस्या दिखाई नही दे रही है, वह केवल जी हुजूरी करने पर व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रों के माध्यम कई बार प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनो की संचालन व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है, लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रति केंद्र की उपेक्षा व भेदभाव लगातार जारी है।

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