रायपुर/राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा अपने विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से चल रही हड़ताल को लेकर इसका प्रदेश भर में असर धान खरीदी की व्यवस्था व कार्यक्रम के साथ ही पीडीएस अर्थात सार्वजनिक वितरण प्रणाली की, व्यवस्था पर भी असर होगा। समिति के सूत्रों व संबंधित विभागों के अनुसार कर्मचारी संघ से उनकी मांगों को लेकर सहानुभूूूतिपूर्वक विचार भी समय पूर्व किया जाना चाहिए। समिति के सूत्रों के अनुसार उनकी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर छग शासन के कैबिनेट में भी चर्चा के अवसर संभावित है। जानकारी के अनुसार मांगों को लेकर इस दिशा में तत्काल छग शासन के खाद्य संचालक एवं सहकारी समिति पंजीयक को चर्चा कर हड़ताल की दिशा में पहल करनी चाहिए। सहकारी समिति के मांगों को लेकर खाद्य एवं सहकारी विभाग को ही निर्णय लेना है। विभागीय सचिवों को भी दखल देनी की आवश्यकता चर्चाओं में हो रही है।
विभिन्न सूत्रों से मिली जानकारी एवं छत्तीसगढ़ सहकारी कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से हड़ताल पर है। जिसकी वजह से समिति का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। संघ के सूत्रों का कहना है कि मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगा। वहीं दूसरी ओर आगामी 1 दिसंबर से छत्तीसगढ़ शासन के धान खरीदी कार्यक्रम को लेकर भी हड़ताल का असर पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर पीडीएस सार्वजनिक वितरण प्रणाली का काम भी प्रभावित हो रहा है। जानकारी के अनुसार हड़ताल की स्थिति आगे न रहे इस दिशा में विभाग प्रमुखों को मंत्रालय, सचिवालय स्तर पर पहल की आवश्यकता चर्चाओं में प्रतिपादित की जा रही है। खाद्य एवं सहकारी समिति के प्रमुखों से चर्चा का प्रयास किया गया, लेकिन उनका पक्ष अमर छत्तीसगढ़ को प्राप्त नहीं हो पाया है। हड़ताल का असर पूरे प्रदेश में सहकारी समितियों में देखा जा रहा है।