भारत देश की सबसे बडी लम्बी छत्तीसगढ़ की रहस्यमयी मंढीप खोल गुफा सालभर बाद 13 मई को खुलेगीं

भारत देश की सबसे बडी लम्बी छत्तीसगढ़ की रहस्यमयी मंढीप खोल गुफा सालभर बाद 13 मई को खुलेगीं

खैरागढ़ (अमर छत्तीसगढ़) 10 मई।

छत्तीसगढ़ की रहस्यमयी मढ़ीप खोल गुफा की खुलने का इंतजार अब खत्म हुआ।

एक ही नदी को 16 बार पार करने के बाद मंढीप खोल गुफा का मिलता है द्वार

यह गुफा साल में सिर्फ एक बार अक्षय तृतीया के बाद आने वाले पहले सोमवार को खुलती है

आगामी 13 मई 2024 को देशभर के लाखों शिव भक्त – मंढीप खोल गुफा अंदर स्थित शिव लिंग का करेंगे दर्शन

मंढीपखोल गुफा ठाकुरटोला राज परिवार के कुल देवता का स्थान है

गुफा के अंदर है शिवलिंग और पवित्र कुंड श्वेत गंगा।

यहां स्नान करने से चर्म रोगों एवं विभिन्न बिमारियों से मुक्ति मिलती है ।

गुफा के अंदर लुभाते हैं चमकदार पत्थर।

टार्च और मशाल की रोशनी पर ही दिखता है गुफा का नजारा।

गुफा के अंदर है गहरा अंधेरा।

लोगों को अंदर जाने के लिए टार्च, मशाल आदि का उपयोग करना पडता है।

छत्तीसगढ़ के खैरागढ छुईखदान गंडई जिले में गंडई के पास ठाकुरटोला गांव से लगी पहाड़ी पर ऐतिहासिक और अपने अंदर कई रहस्यो को समेटकर रखने वाली मढीपखोल गुफा का द्वार 13 मई सोमवार 2024 को न खुलेगी।

जिला प्रशासन और मढ़ीप खोल समिति ने इस वर्ष भी अक्षय तृतीया के आने वाले पहले सोमवार को खुलने वाली गुफा को लेकर विषेश तैयारी कर ली गई है।

मढ़ीप खोल समित अध्यक्ष एवं ठाकुरटोला जमीदारी के राजपुरोहित लाल रोहित सिंह पुलस्त ने बताया कि मढीप खोल समिति द्वारा सडको की साफ सफाई, मर्मद को लेकर ग्रामीण की सहयोग मिलता रहता है।
इस बार प्रशासन का भी पूर्ण सहयोग मिलेगा।
रहस्यमयी मढीप खोल गुफा में मेले को लेकर जिला प्रशासन को सूचना दिया गया है।

आपको बता दे की यह गुफा साल में सिर्फ एक बार अक्षय तृतीया के बाद आने वाले पहले सोमवार को खुलती है।

गुफा के खुलने पर लाखों की बडी संख्या में लोग यहा आकर गुफा को देखने के साथ यहा विराजित शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं। यहां जिले से लेकर पूरे छत्तीसगढ़ और पडोसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र उडीसा सहित देशभर के लोग पहुचते हैं।

जानकारी के अनुसार मंढीपखोल गुफा ठाकुरटोला राज परिवार के कुल देवता का स्थान है। राज परिवार के सदस्य राजपुरोहित रोहित लाल पुलस्त और उनके परिवार द्वारा पहले पूजा-अर्चना करने के बाद मंढीप खोल गुफा के द्वार खोलते हैं। फिर लोगो के दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाता है।

सिद्धपीठ है गौरी मंदिर

मंढीपखोल गुफा में जाने से पहले श्रद्धालु यहा स्थापित मां गौरी और दक्षिण मुखी हनुमान के दर्शन करते है । इन मंदिरो में दर्शन करने के बाद गुफा के अंदर विराजित शिव के दर्शन करते है। और तभी इस यात्रा को पूर्ण माना जाता है।

गुफा के अंदर है पवित्र कुंड जानकारी के अनुसार गुफा के अंदर श्वेत गंगा है जिसे पार करने के बाद पवित्र कुंड है। यहां पहुचकर श्रद्धालु स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है । साथ ही उसे पीने से पेट संबंधी रोग दूर हो जाते हैं।

लुभाते हैं चमकदार पत्थर

कई रहस्यो को समेटे गुफा में कुछ ऐसे पत्थर हैं जो प्रकाश में हीरे के समान चमकते है। यह पत्थर लोगों को काफी आकर्षित करते है। यहां काफी घुमावदार और विचित्र रास्ते भी है। यहां का शिवलिंग का मंदिर और चमगादड़ खोल गुफा को सबसे पवित्र माना जाता है। यहां तक पहुचने के लिए बास या लकडी की सीढी का उयोग करना पडता है।

टार्च और मशाल की रोशनी पर ही दिखता है गुफा का नजारा।

एक साथ सिर्फ आठ से दस लोग ही शिव का दर्शन करते हैं क्योंकि गुफा का रास्ता काफी संकरा है। कई रास्ते में लेट कर और सिर नीचे कर सफर करना पडता है। गुफा के अंदर गहरा अंधेरा होने के कारण लोगों को अंदर जाने के लिए टार्च, मशाल आदि का उपयोग करना पडता है। रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं होने
के कारण श्रद्धालुओं को थोड़ी दिक्कत जरूर होती है।

इस तरह पहुंचे गुफा तक

यह गुफा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से 95 किमी दूरी पर स्थित है। राजनांदगांव से खैरागढ कवर्धा मार्ग के बीच इसका सफर गंडई से नर्मदा मैया के दर्शन से शुरू होता है।

बालाघाट मार्ग पर पहले जंगलपुर घाट स्थित चोडरा धाम के गौमुख डोगेश्वर महादेव के दर्शन के दौरान लोगों को प्रकृति की अदभूत लीला देखने को मिलती है।
गुफा का सफर ठाकुरटोला चौक से शुरू होता है। वहां से 13 किलोमीटर जंगली रास्ते से जाना पडता है।

एक ही नदी को 16 बार पार करने के बाद मंढीप खोल गुफा का मिलता है द्वार।

सफर के दौरान लोगों को एक नदी को 16 बार अलग-अलग स्थानों से पार करने के बाद गुफा तक जाने का रास्ता मिलता जाता है। जानकारी के अनुसार ग्रामीण महंत राधा मोहन दास वैष्णव ने बताया की ठाकुरटोला रियासत के जमीदारों ने 13वीं शताब्दी में मंढीपखोल गुफा जो उनके कुल देवता का स्थान है, गौरी मंदिर, दक्षिण मुखी हनुमान और शिव मंदिर का निर्माण कराया था। ये मंदिर खजुराहो शैली पर बने हैं। जो ठाकुरटोला गांव के प्रवेश करने पर दिखाई देता है।

इस वर्ष भी अक्षय तृतीया के बाद आने वाले पहले सोमवार 13 मई 2024 को छत्तीसगढ़ के साल में एक बार खुलने वाले मढ़ीप खोल गुफा स्थित शिवलिंग का दर्शन देश प्रदेश के लाखों श्रद्धालु करेंगे ।

(सहयोग हितेश मानिकपुरी)

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