8 जुलाई प्रवचन…. आत्महत्या से केवल शरीर छूटता है, कर्म आपके साथ जाते है: श्री विरागमुनी जी

8 जुलाई प्रवचन…. आत्महत्या से केवल शरीर छूटता है, कर्म आपके साथ जाते है: श्री विरागमुनी जी

आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 8 जुलाई। जैन संत श्री विरागमुनि जी का रायपुर प्रवेश हो चुका है और वे जिनवाणी की वर्षा करते हुए शहर के श्रावक-श्राविकाओं को लाभान्वित कर रहे हैं। जिनवाणी की वर्षा के क्रम में सोमवार को दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनिजी के श्रीमुख से वॉलफर्ट एनक्लेव-1 में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने प्रवचन का लाभ लिया। रायपुर शहर में चल रहे प्रवचन श्रृंखला के दौरान उन्होंने कहा कि अनादि काल से यह आत्मा दुख में डूबी हुई है। हम सुखी बनने के लिए कब से मेहनत कर रहे हैं पर सुख मिल ही नहीं रहा है। यह सुख मिल भी नहीं सकता क्योंकि जब तक आपकी बुद्धि बीच में होगी, सुख नहीं मिलेगा परमगति में जाना है तो आपको भगवान के तत्वों को समझना होगा। आप अपने जीवन में कितनी भी भौतिक वस्तुओं का उपयोग कर लें जो सुख आपको मिलेगा वह काल्पनिक रहेगा। पूरी दुनिया में सुख कहीं नहीं केवल भगवान के दर्शनों में ही सुख की प्राप्ति है। आज छोटी छोटी बातों पर व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, आप विचार कीजिए कि हम कितने सहनशील है।

गुरु भगवंत ने आगे कहा कि धर्म करो, आत्महत्या बहुत बड़ी मूर्खता है। लोग बहुत ही छोटी छोटी बातों पर आत्महत्या कर लेते है। मां-बाप ने बात नहीं मानी, परीक्षा में कम नंबर आने और प्रेम संबंधों जैसी बातों पर लोग हार मान जाते है। आत्महत्या से होगा क्या, आपका दुख और यह शरीर तो छूट जाएगा पर कर्म नहीं छूटेंगे। कर्म आपके साथ जाएंगे और जन्म जन्मांतर तक वह आपका पीछा नहीं छोड़ेंगे।

मुनिश्री ने आगे कहा कि हमें जीवन में चार चीजें कभी नहीं करनी चाहिए। पहला अनुकूलता का राग, दूसरा प्रतिकूलता का द्वेष, तीसरा है भविष्य में रोग आदि की चिंता और चौथा है भावांतर में सुख प्राप्ति की इच्छा रखना। उन्होंने आगे बताया कि आज मानव भौतिक सुख प्राप्त करने के लिए ना जाने कितने पाप करता है। वर्तमान में पाप अब पाप लगते नहीं है। अपने सुख के लिए व्यक्ति यह नहीं सोचता की उसने कितने जीवों की जान ली है, बस वह सुख भोगने में लगा रहता है। अपने सुख के लिए एक व्यक्ति आज कितना झूठ बोलता है यह तो आप जानते हो, पर आप कुछ नहीं कहते क्योंकि उस झूठ के पीछे आपका सुख भी छिपा हुआ है। आज धन कमाने के लिए लोग ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हें ऑफर देकर अधिकाधिक लाभ कमाने की स्कीम निकालते है, पैसा बचाने के लिए टैक्स की चोरी करते है और ऐसा करके वे खुद को बहुत चतुर समझते हैं। जैसे-जैसे सुख बढ़ता है वैसे-वैसे पाप भी बढ़ता जाता है और धर्म घटता जाता है।

श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया और कार्यकारी अध्यक्ष अभय कुमार भंसाली ने बताया कि जिनवाणी की वर्षा के क्रम में गुरू भगवंत का 09 जुलाई को समता परिसर में सुबह 8.45 से 9.45 बजे तक प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

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