अष्टाह्निका पर्व के अवसर पर नंदीश्वर दीप पूजन

अष्टाह्निका पर्व के अवसर पर नंदीश्वर दीप पूजन

रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 20 जुलाई।

श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड रायपुर के जिनालय में पार्श्वनाथ बेदी के समक्ष आध्यात्मिक प्रयोगशाला के माध्यम से आज दिनाँक – २०/०७/२०२४ तिथि : आषाढ़ शुक्ल चतुर्दशी, २५५० दिन : शनिवार को अष्टाह्निका पर्व के अवसर पर विशेष पूजन अभिषेक एवं विश्व में शांति समृद बनी रहे इस हेतु शांति धारा का आयोजन किया गया । इस अवसर पर बड़ा मंदिर ट्रस्ट कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने बताया कि अष्टाह्निका पर्व का जैन धर्म में विशेष महत्व है जैन दर्शन में अष्टनिका महापर्व का विशेष महत्व बतलाया गया है। इस अवसर पर देव लोग भी नंदीश्वर दीप में आकर सिद्ध भगवान की आराधना करते हैं।

अष्ठानिका पर्व में स्वर्ग से इंद्रलोक भी मंदिरों में भगवान की भक्ति करने आते है। फाल्गुन, कार्तिक व आषाढ़ के अंतिम आठ दिन अष्टमी से पूर्णिमा तक यह पर्व आता है। इन आठ दिनों में सिद्धों की यह विशेष आराधना के लिए सिद्धचक्र विधान भी किया जाता है।एक पौराणिक कथा श्रीपाल चरित्र के अनुसार मैना सुंदरी ने अपने पति श्री पाल के साथ असंख्य लोगों का असाध्य कुष्ठ रोग का निवारण अष्टाह्निका पर्व पर श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान पूजन का आयोजन कर किया था।

आज दिनांक 20 जुलाई 2024 शनिवार को प्रात 8.30 बजे पार्श्वनाथ बेदी में प्राचीन प्रतिमा 6 वे तीर्थंकर पद्म प्रभु भगवान को पांडुक्षीला में विराजमान कर रजत कलशों में प्रासुक जल से अभिषेक उपरांत विश्व में शांति सौहार्द सुख शांति बने रहे इस निमित्त लघु शांति धारा की गई। आज की रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांतिधारा करने का सौभाग्य श्रेयश जैन बालू को प्राप्त हुआ। आज की शांति धारा का शुद्ध उच्चारण कोषाध्यक्ष दिलीप जैन द्वारा किया गया।

तत्पश्चात सभी ने भगवान की आरती की और अष्ठ द्रव्यों से सर्वप्रथम श्री देव शास्त्र गुरु, केवल रवि किरण पूजन एवं श्री पद्म प्रभु पूजन के साथ नंदीश्वर दीप का पूजन कर अर्घ्य समर्पित किए। अंत में महाअर्घ्य चढ़ा कर विसर्जन पाठ पढ़ कर विसर्जन किया गया।

आज के कार्यक्रम में विशेष रूप से श्रेयश जैन बालू, रवि जैन कुम्हारी, कुमुद जैन, दिलीप जैन ,कुमुद जैन, कीर्ति जैन,प्रणीत जैन,राशु जैन, श्रद्धेय जैन विक्की, राज जैन, किशोर जैन,लोकेश जैन, विशेष रूप से उपस्थित थे।

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