शीतलराज मुनि ने कहा घर में धर्म की पुस्तक लाकर ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा जागृत करो…. अंतगडदसांग सूत्र-वाचक-लघुसिंह, महासिंह, कृष्णा रानी निष्क्रिदित तप पर बोले

शीतलराज मुनि ने कहा घर में धर्म की पुस्तक लाकर ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा जागृत करो…. अंतगडदसांग सूत्र-वाचक-लघुसिंह, महासिंह, कृष्णा रानी निष्क्रिदित तप पर बोले

रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 7 सितंबर। जैन मुनि शीतलराज मसा ने आज पर्युषण पर्व के सातवें दिन आत्म शुद्धि दिवस पर बोलते हुए मानस भवन में चल रहे अपने प्रवचन में कहा अखबार, टीवी, मोबाईल में खर्च करते है। धर्म के नाम पर थोड़ा खर्च कर ज्ञान प्राप्त करसकते है। ज्ञान एवं परज्ञान को समझे स्व के ज्ञान को स्वाध्याय एवं परज्ञान को पराध्याय ही कहेंगे। आत्म ज्ञान के लिए धर्म ग्रंथों सामायिक स्वाध्याय से नियमित जुड़े रहे। 4 रुपये का अखबार 4 मिनट में पढक़र देखकर फेंक देते है।

अखबार को घर के डायनिंग में रखने के बदले धर्म की पुस्तक रखें, बच्चे भी धर्म से जुड़ेंगे। बच्चों को सामायिक स्वाध्याय से जोड़े। दुख कष्ट आने पर ही गुरुवाणी याद आती है। संत गुरुदेव, साधु संत 4 माह बाद चले जाएंगे लेकिन आप सामायिक स्वाध्याय को छोड़े नहीं।

भगवान महावीर ने भी कहा है दुखों को मूल अज्ञान्ता है। समताभाव से जीने वाला साधक कर्मों की निर्जरा कर आत्मा को पवित्र कर पुण्य को प्राप्त करता है। ज्ञान प्राप्त करने की दृढ इच्छा जागृत करो। हम स्वाध्याय दिवस पर ज्ञान प्राप्त कर कल संवत्सरी महापर्व पर हमारे जीवन में समताभाव कैसे मिले इसकी साधना करें। मन में दृढ़ संकल्प पूरे शरीर के लिए रोज खान-पान भी सही रहे पहनावा भी ठीक रहे, दिनचर्या पर ध्यान रखे।


मुनि श्री ने कहा स्वाध्याय प्राप्त करें पराध्याय में कुछ नहीं मिलेगा कल संवत्सरी दिवस है। मुनि श्री ने कहा 23 सितम्बर तक उनका प्रवचन जारी रहेगा। 24 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक वे मौन रहेंगे। 10 अक्टूबर के बाद प्रवचन फिर से जारी रहेगा। कल तपस्यों का सम्मान बहुमान भी होगा। इस अवसर पर इंदौर से आए वाचक शिखर चंद छाजेड ने कहा संघ से निवेदन है कि संत नहीं तो भी प्रतिदिन लगातार पूरे वर्ष भर जीनवाणी का लाभ लें। एक स्थान पर बैठकर सामायिक साधना, आराधना जारी रखे।

संघ प्रतिदिन एक घंटा स्वाध्याय करने आए उन्होंने बताया कि इंदौर में गत 18 वर्षों से प्रतिदिन नियमित रुप से स्वाध्याय हम करते है। आप सभी भी आत्म ज्ञान प्राप्त करें, सामायिक स्वाध्याय करें। सुश्रावक प्रेमचंद भंडारी ने तप तपस्या से जुड़े लोगों को पचखान कराया तथा बताया कि कल तपस्या करने वालों का सम्मान बहुमान होगा।
आयोजकों के अनुसार कल रविवार को पर्युषण का अंतिम दिन के साथ क्षमा याचना पर्व है। सामायिक प्रतिक्रमण, दया, संवर लगातार जारी रहेगा, भाग लेने वालों का सम्मान चार्तुमास समिति के लाभार्थी संचेती परिवार द्वारा किया जावेगा। आत्म शुद्धि दिवस स्वाध्याय से आत्म शुद्धि हुई।

इस अवसर पर नन्ही बालिका व एक श्रावक तथा श्रीमती मोहनी बागरेचा ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया। शीतल मुनि को समर्पित किया। अनिल मोहनी बागरेचा की सुपुत्री सुश्री पायल एवं श्रीमती मोनिल सेठिया भी अठाई की है।


अंतगडदसांग सूत्र-वर्ग एवं अध्ययन के सातवें दिन इंदौर से पधारे शिखर चंद जैन, विमन चंद जैन वाचकों ने अपनी शानदार प्रस्तुति में कहा 7 दिनों में तप तपस्या विधि विधान से करने की चर्चा हुई।

भूल से घबराने की जरुरत नहीं, सुधारे जहां करने योग्य है करें। पर निंदा से बचे आज आत्म शुद्धि दिवस है। कल संवत्सरी दिवस है आठवें वर्ग में 10 अध्ययन, 10 रानियों की जानकारी पर चर्चा करते हुए वाचक ने कहा 10 महारानियां श्रेणिक राजा की पत्नियां थी दसों महारानियों ने भगवान महावीर के सानिध्य में संयम अंगीकार किया। सभी विभिन्न प्रकार का तप क्रम क्रिया कोई कई वर्षों तक संयम पर्याय का पालन किया।

अंत में सभी कर्मों को क्षय करके सिद्ध हुई। वाचक ने अपना वाचन जारी रखते हुए रत्नावली के तप तपस्या काल तप के दिन पारणे की जानकारी दी। वाचक ने रत्नावली, कनकावली, मुक्तावली हार के बारे में अलग-अलग जानकारियां दी। बताया आर्यायों ने गृह दसा का त्याग करके संयम दसा अंगीकार करने के उपरांत उन गृह द्वारों के स्थान पर इन तप हारों की आराधना की।

अंतगडदसांग सूत्र-पर जानकारी चर्चा व प्रशनोत्तरी कल भी जारी रहेगी। सूत्र में 90 महान जीवों कर्म, संघर्ष, पूर्ण जीवन कथा का सार है जिन्होंने क्रमिक रुप से अपने अडोल अकंप एवं सिंह जैसी श्रद्धा से आत्मा के शुद्धतम एवं दुर्लभ केवल ज्ञान उतपत्ति पूर्वक अखंड सुखों के धाम मोक्ष पद को प्राप्त किया।

जिसमें प्रारंभ में अर्जुन माली के अर्जुन मुनि बनने तक के दृष्टांत की शानदान प्रस्तुति हो चुकी है।
इंदौर से पधारे श्रावक बंधुओं सर्वश्री शिखर चंद छाजेड़, विमल चंद तातेड, अभिषेक नहर एवं प्रकाश कोठारी की अवस्मरणीय पिछले 7 दिनों की शानदान प्रस्तुति ने यहां लोगों के दिल दिमाग में स्थान बनाया है। जिसे लोग वर्षों याद रखेंगे।

राजस्थान व मध्यप्रदेश, इंदौर से 50 से अधिक संख्या में महिला-पुरुष बच्चों का पूरे पर्युषण पर्व के 8 दिनों में निरंतर की गई तप तपस्या ध्यान, साधना, आराधना, प्रतिक्रमण सामायिक सिद्धांतों की महत्वपूर्ण जानकारियों का आदान-प्रदान हुआ। वहीं दूसरी ओर अंतगडदसांग सूत्र का वाचन शानदान प्रस्तुति सरल भाषा में की जानकारी देने का क्रम जारी है। सूत्र पर्युषण पर्व के 8 दिन वाचन से धर्माथ संयम तप की प्रेरणा देना वाला रहा है।

इस सूत्र का पर्युषण में वाचन में उपयुक्त रहा। समाज के प्रमुख व धर्म ध्यान में जुड़े कार्यक्रमों में शानदान प्रस्तुति देने वाले इंदौर के प्रवीण बम भी बीती रात्रि को पहुंच गए है तथा शीतलराज मुनि के सानिध्य में तप तपस्या कर रहे है।


अखिल भारतीय सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन 29 को उद्घाटन करेंगे पूर्व विधायक अजीत मेहता
जन-जन तक सामायिक स्वाध्याय का संदेश पहुंचाने व सामायिक साधना के प्रति जागृति लाने अखिल भारतीय सामायिक स्वाध्याय संघ के तत्वावधान में सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन रविवार 29 सितम्बर को सुबह 8.30 बजे राजस्थान के टोक पूर्व विधायक अजीत सिंह महेता करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदौर के उद्योगपति राहुल मूथा करेंगे तथा सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि सर्वश्री डॉ. गौतम राज सिंघवी जयपुर, राजस्थान, अनिल जैन पूर्व विधायक झालावाड़ राजस्थान व चैन्नई के सुश्रावक सुरेश कांकरिया होंगे।


आयोजन समिति के अनुसार आगामी 29 सितम्बर को स्थानीय मारुति मंगलम गुढिय़ारी में प्रात: 8.30 बजे सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन का उद्घाटन गरिमामय समारोह एवं छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों के हजारों श्रावक-श्राविका बच्चे, बुजुर्ग सामायिक स्वाध्याय में भाग लेंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्थान टोक के पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता करेंगे तथा अध्यक्षता इंदौर उद्योगपति राहुल मूथा करेंगे।

आयोजन के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जन-जन तक सामायिक स्वाध्याय के संदेश पहुंचाने व सामायिक साधना के प्रति जागृति लाने सम्मेलन का आयोजन जहां उपस्थित हजारों महिला-पुरु, साधक सामायिक के वेशभूषा में अधिक से अधिक सामायिक की आराधना कर आत्मिक शांति का अनुभव करेंगे।

गुरुदेव शीतल मुनि मसा के सानिध्य में आए लोग दर्शन लाभ लेंगे। मंगल पाठ मांगलिक पाएंगे। पश्चात महामंगलकारी, चमत्कारी, मौन मांगलिक लाभ सहज प्राप्त होगा और आन-बान का प्रतीक लाल केशरिया परिधान में अद्भूत नजारा लोगों को देखने मिलेगा। प्रारंभिक तैयारियां अखिल भारतीय सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन की हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि जैन मुनि शीतलराज मसा के सानिध्य में विगत 2011 से 2021 तक देश के क्रमश: उज्जैन, इंदौर, बैतुल, रायपुर, बालाघाट, दुर्ग, नागपुर, जयपुर, धार, इंदौर, जयपुर में हो चुका है।

2020 कोरोना काल में हुआ कोरोना महामारी के कारण अगले वर्ष का कार्यक्रम स्थगित रहा। रायपुर में वर्ष 2013 में सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन अखिल भारतीय स्तर पर हो चुका है यह दूसरा अवसर है।

जब शीतलराज मुनि के सानिध्य व उनके मार्गदर्शन में 29 सितम्बर को होने जा रहा है। शीतल मुनि का नारा चाहे जो हो मजबूरी रोज एक सामायिक जरुरी की कड़ी में यह एक बड़ी कड़ी होगी। जहां हजारों लोग इसका लाभ लेंगे।

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