रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 29 सितंबर। श्री लाल गंगा पटवा भवन, टैगोर नगर में गतिमान चातुर्मासिक प्रवास अंतर्गत आज दिनांक – 29/09/2024 रविवार को आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर जी व मुनिश्री नरेश कुमार जी के सान्निध्य में जय समवसरण में रिश्तो की डोर ना हो कमजोर विषय पर भव्य सेमिनार का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल, रायपुर के तत्वावधान में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री मा. डॉ. श्री एल. मुरुगन व अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री. श्री अरुण साव सम्मिलित हुए।
मुनि सुधाकर जी ने धर्मसभा में उपस्थित जनमेदनी को संबोधित करते हुए कहा आज छोटी-छोटी बातों पर तकरार और टकरार होने लगती हैं, जिससे सात फेरों का संबंध भी बंधन की जंजीर बनकर जीवन की बाधा बन जाता है। जिससे रिश्तो में प्रेम, सौहार्द, त्याग, प्यार का अभाव दिखने लगता है।
आज तलाक की विकराल समस्या से संयुक्त परिवार और भारतीय आदर्श दांपत्य जीवन पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। भौतिकता की चकाचौंध में व्यक्ति मधुर रिश्ते का एहसास भूलता जा रहा है। रिश्ते की खटास जीवन को त्रास बना देती हैं।
पति-पत्नी के मध्य में अविश्वास, अहम, वहम एवं संदेह सात फेरों के संबंध को भी दुश्मनी में बदल देता है। मुझे तुम पर विश्वास है, यह भाव एक दूसरे के प्रति रहना चाहिए। मुनि श्री ने आगे कहा दाम्पत्य जीवन की खुशहाली के लिए एक दूसरे को समय देना चाहिए। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति के पास रिश्तो को निभाने का समय नहीं है, जिससे रिश्ते मुरझाते जा रहे हैं।
सैकड़ों उपस्थित दम्पत्तियों को विशेष प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए मुनि श्री ने कहा कि आपस में संवाद करें विवाद नहीं, वार्तालाप करें विलाप नहीं एवं एक दूसरे के प्रति कृतज्ञता और धन्यवाद का भाव रखें। दाम्पत्य जीवन की सुगमता और शुद्धता के लिए वाणी का विवेक जरूरी है।
मुनि नरेशकुमारजी ने कहा रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए समन्वय, सामंजस्य, संतुलन एवं सहनशीलता के भाव का विकास जरूरी हैं। मंत्री श्री मुरुगन ने कहा रिश्तो के लिए कहना, सुनना, सहना एवं रहना सीखें। संबंधों से ही सफलता प्रकट होती है। एक दूजे के प्रति समर्पण का भाव रहना चाहिए। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि संत समागम या संतसंग ही अपने आप में प्रेरणा का कार्य करता है।
स्वागत स्वर अध्यक्षा नेहा जैन ने किया। जीतो लेडिज विंग की बहनों ने मंगलाचरण किया। सेमिनार का संयोजन सुश्री बच्छावत ने कुशल संचालन करते हुए सबका धन्यवाद किया। इस अवसर पर रायपुर के अलावा छत्तीसगढ़ के अन्य स्थानों से भी श्रावक-श्राविका की सहभागिता रही। अन्य संघीय संस्थाओं के अनेकों प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। सेमिनार में प्रेरणादायक भव्य नाटिका का मंचन भी विषय के अनुरूप किया गया। विशेष रूप से श्री ललित पटवा उपस्थित थे।