रायपुर(अमर छत्तीसगढ), 06 अक्टूबर 2024/कहते है बुरे कर्मो का बुरा नतीजा। स्कूली बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने और उनसे गंदी-गंदी बाते करने के दोषी प्रधान पाठक इंद्रमन साहू (56 वर्ष) को उसके बुरे कर्मो की सजा मिल गई है।
आज से लगभाग 6 वर्ष पूर्व रायपुर जिले अभनपुर विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत सुंदरकेरा के स्कूल में प्रधान पाठक के रूप में पदस्थापना के दौरान इंद्रमन साहू स्कूली बालिकाओं की लज्जा का आनादर करने के आशय से गंदी-गंदी बातें करने के साथ ही लैगिंक हमले का अपराध कारित करने के मामले में न्यायालय ने उसे दोषी माना है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, द्वितीय फास्टट्रैक विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) रायपुर ने उसे धारा 354 के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास सहित एक हजार रूपए के अर्थ दंड तथा धारा 509 के तहत तीन वर्ष के कारावास तथा एक हजार रूपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि गुरू शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले इंद्रमन साहू द्वारा स्कूली बच्चियों से गंदी – गंदी बातें ,अश्लील हरकतें लगातार की जा रही थी । वह बालिकाओं को डराता और धमकाता भी था।
बालिकाओं ने इस बात की जानकारी अपने पालकों को दी, तो पालक आकोषित हो गए और उन्होंने इसकी शिकायत पंचायत पदाधिकारी से की, और फिर उसके के विरूद्ध 29 सितम्बर 2018 को गोबरा नवापारा थाने में अश्लील हरकत और छेड़खानी और पाक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया था।
पुलिस ने उक्त मामले में उसी समय उसे गिफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में वह जमानत मुचलके पर रिहा हुआ था। न्यायालय में चल रहे इस मामले का फैसला 18 अगस्त 2024 हुआ, जिसमे वह अपराध कारित करने का दोषी पाया गया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सम्पूर्ण तथ्यों परिस्थितियों तथा इंद्रमन साहू द्वारा किए गए अपराध एवं उनकी गंभीरता को देखते हुए उसे धारा 354 एवं धारा 509 के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास सहित दोनों धाराओं में एक-एक हजार रूपए के अर्थदंड के सजा दी है।
अर्थदंड की राशि अदा न किए जाने पर उसे प्रत्येक धाराओं में एक-एक माह सश्रम कारावास पृथक से दिए जाने का आदेश पारित किया गया है। न्यायालय ने उसके पूर्व के जमानत मुचलके को निरस्त करने के साथ ही उसे केन्द्रीय जेल रायपुर भेज दिया है।