आचार्यश्री अवतरण दिवस…. सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के सभी मंदिर जी में 16 अक्टूबर प्रातः 7.36 बजे एक साथ “आचार्य छत्तीसी विधान”

आचार्यश्री अवतरण दिवस…. सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के सभी मंदिर जी में 16 अक्टूबर प्रातः 7.36 बजे एक साथ “आचार्य छत्तीसी विधान”

रायपुर/ बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ) 15 अक्टूबर। दिगम्बर जैन समाज रायपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा संदेश प्राप्त हुआ है कि दिनाँक 16.10.2024 को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के सभी मंदिर जी में आचार्यश्री के अवतरणदिवस में प्रातः 7.36 बजे एक साथ “आचार्य छत्तीसी विधान” किया जाना है जो की एक विश्व रिकॉर्ड होगा। इस हेतु तीनोंमंदिर जी में कल दिनाँक 16.10.2024 को प्रातः 7.36 बजे “आचार्य छत्तीसी विधान” किया जाना है। एवं प्रातः 7.00 बजे से तीनों मंदिर जी में मंगलाष्टक प्रारम्भ होंगे।

सकल दिगम्बर जैन समाज रायपुर से प्राप्त संदेश इस प्रकार है :-“आज के धरती के भगवान संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का जन्म उनके स्वयं के आत्म कल्याण व मोक्ष मार्ग का एक सोपान तय करने के लिए तो हुआ ही था किन्तु आपने ये अपने हृदय मे कभी विचार किया कि आज पंचम काल के इस युग मे चतुर्थ काल के मुनि का अवतरण क्या हम लोगों के आत्म कल्याण व जीवन के उत्थान के लिए नहीं हुआ था, वे स्वयं तो वीतराग मार्ग के पथिक थे ही किन्तु हजारों की संख्या मे कितने ही शिष्य उनके द्वारा दीक्षित होकर अपना कल्याण तो कर ही रहें है और उन सभी के सानिध्य मे हम भी अपने जीवन का कुछ न कुछ शक्तिनुसार कल्याण कर ही रहें है।


यूँ तो पूरे विश्व के प्राणिमात्र आचार्य श्री के उपकारों से उपकृत है ही, किन्तु आचार्यश्री का छत्तीसगढ़ व यंहा के श्रावक, श्राविकाओं पर विशेष कृपा रही, चंद्रगिरी डोंगरगढ़ जैसे तीर्थ का उनके आशीर्वाद व सानिध्य मे निर्माण, सबसे बड़ी उपलब्धि छत्तीसगढ़ वासियों के लिए जिस प्रकार उनके विषय मे जब भी कोई उल्लेख होगा, जन्म स्थान सदलगा(कर्नाटक ), दीक्षा स्थान नसीराबाद (राजस्थान )और समाधी स्थल डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों मे अंकित रहेगा।


इसके साथ ही आचार्यश्री जी के सरल स्वाभावी शिष्य ब्रह्मचारी आदरणीय सुनील भैया जी के मार्गदर्शन एवं आचार्य श्री जी के भक्तगणों के तत्वाधान मे दिनांक 16 अक्टूबर 2024 बुधवार को छत्तीसगढ़ के सभी मंदिरों मे ठीक एक ही समय 7.36 मिनट पर एक साथ आचार्य छत्तीसी विधान की पूजा की जाएगी

जो इतिहास के पन्नों मे विश्व रिकार्ड के माध्यम से अंकित हो जाएगी, अतः आप सभी मंदिरों के पदाधिकारी व श्रावक, श्राविकायें सपरिवार इस विधान मे सम्मलित हो पुण्यार्जन भी करें और अपने दिगम्बर होने का परिचय देकर उस ऐतिहासिक कार्यक्रम को उत्साह पूर्वक संम्पन्न करने मे अपनी महती भूमिका का निर्वहन करें।


साथ ही दिनांक 17 अक्टूबर 2024 गुरुवार, आचार्य श्री जी के जन्मदिवस शरद पूर्णिमा के अवसर पर रायपुर दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम मे वृहद रूप से आयोजित कार्यक्रम मे अपनी सहभागिता व उपस्थिति दर्ज कराकर पुण्यार्जन भी करें और दिगम्बर जैन धर्म की गरिमा बढ़ाये व सामाजिक एकता का परिचय दें,
बिलासपुर में दिनाँक 16.10.2024 एवं 17.10.2024 के समस्त कार्यक्रम श्री अभिषेक भैयाजी (मूंगेली वाले) के द्वारा क्रांतिनगर मंदिर जी में संपन्न कराये जाएँगे।

Chhattisgarh