रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 8 नवंबर। खेतों में होने वाली फसलों को रासायनिक खाद से बचाने मनोहर गौशाला खैरागढ़ के ट्रस्टी डॉक्टर अखिल जैन (पदम डाकलिया) की मुहिम अब जमीनी स्तर पर सामने आने लगी है। इस मुहिम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से सहयोग कर रहा है। इसी क्रम में राजधानी से लगे ग्राम चाटौद में डॉ जैन ने फसल अमृत और मनोहर ऑर्गेनिक गोल्ड बनाने का प्रशिक्षण दिया।
इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में डायरेक्टर आफ रिसर्च इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. विवेक त्रिपाठी के मुख्य आतिथ्य और वैज्ञानिकों की उपस्थिति में डॉ. ने किसानों को प्रशिक्षण दिया।
धान की सीधी बुआई की विधि प्रशिक्षण के कार्यकम के साथ में जैविक गौ आधारित कृषि प्रबन्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें डॉ. जैन ने गौ मूत्र से फसल अमृत बनाने की विधि बताई और इसके फायदे के बारे में बताया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ जैन ने सभी किसानों से अपने-अपने घरों में गाय माता को रखने की अपील की गई। इस पर वहां मौजूद किसानों ने स्वीकारा। जैन ने कहा कि ऋषि महर्षि गौ माता के गौ मूत्र का वर्णन दुर्लभ औषधि के लिए करते रहे हैं, जो मानव स्वास्थ्य और धरती माता के सुपोषण के लिए बहुत ही उपयुक्त है।
इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ जी के श्रीवास्तव, डॉ संजय द्विवेदी, डॉ एसके चीतले, डॉ गौतम रॉय विशेष रूप से उपस्थित थे।