रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 19 दिसम्बर। अंध विश्वास जब किसी व्यक्ति के दिमाग पर हावी हो जाता है, तो वो व्यक्ति गलत फैसले कर बैठता है. सरगुजा में एक आनंद राम नामक युवक ने पिता बनने की मन्नत पूरी करने के लिए बैगा की सलाह पर जिंदा चूजा (मुर्गा) ही निगल लिया.जो युवक की श्वास नली में फंस गया और सांस न ले पाने, दम घुटने के कारण युवक की तत्काल मृत्यु हो गई.
डॉ दिनेश मिश्र ने कहा जानकारी मिली है कि अंबिकापुर के दरिमा के ग्राम छिंदकालों का निवासी आनंद राम यादव कुछ समय से संतान न होने के कारण से एक बैगा के संपर्क में रहा. बैगा ने ही उसे मन्नत मांगने व जिंदा चूजा निगलने की सलाह दी.उस सलाह के आधार पर पर युवक ने इस तरह का आत्मघाती कदम उठाया परिजनों नेे बताया कि युवक घर में मौजूद था.
आंगन में आने के दौरान चक्कर खाकर गिर पड़ा. परिजन उस युवक को लेकर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि युवक की मौत हो चुकी है. युवक की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी लिहाजा डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करने का फैसला किया.
फॉरेंसिंक टीम ने जब पोस्टमार्टम शुरु किया हार्ट अटैक,ब्रेन हेमरेज की शंका व्यक्त की जा रही थी दोनों ही अंगों में कहीं कोई दिक्कत नजर नहीं आई, तब उन्होने मृतक के गले को चीरा लगा कर खोला तब गला खुलते ही वहां पर एक मुर्गे का चूजा नजर आया. डॉक्टर गले में फंसे चूजे को देखकर हैरान रह गए. फॉरेंसिक टीम ने बताया कि चूजे को जिंदा निगला गया है.
चूजा गले में जाकर स्वास और खाने की नली में यू शेप में फंस गया. दम घुटने से युवक की मौत हुई है. युवक के रिश्तेदारों को कुछ भी जानकारी नहीं थी. बेटे ने कब चूजा लाया और कब निगला मृतक आनंद कुमार यादव को 14 दिसंबर के दिन अचेतावस्था मेंअंबिकापुर मेडिकल कॉलेज लाया गया गया था. डॉक्टरों ने चेक करने के बाद बताया कि उसकी मौत हो चुकी है.
डॉ मिश्र ने कहा भोले भाले लोग इस तरह अंधविश्वास में पड़कर न केवल अपनी जान से हाथ धो बैठते है बल्कि पूरे परिवार की जिंदगी बर्बाद कर बैठते हैं. ग्रामीणों को इस प्रकार किसी भी बैगा , गुनिया की बात पर आँखें बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए. किसी अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए
डॉ दिनेश मिश्र