मनेन्द्रगढ़(अमर छत्तीसगढ़) 2 मई। उम्र सिर्फ एक संख्या है यह कहावत मनेन्द्रगढ़ की कमला देवी मंगतानी ने सच कर दिखाई है। 67 वर्ष की आयु में जब अधिकतर लोग अपने शरीर की सीमाओं को स्वीकार कर बैठते हैं, तब कमला देवी ने अपने अटूट संकल्प, अनुशासन और आत्मबल से न सिर्फ जीवन को चुनौती दी। बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपने शहर, राज्य और देश का नाम भी रोशन किया।
कमला देवी मंगतानी पिछले 30 वर्षों से डायबिटीज जैसी जटिल बीमारी से जूझ रही हैं। एक समय था जब डॉक्टरों ने इलाज से जवाब दे दिया था और चलने-फिरने में असमर्थता के कारण उन्हें बैसाखी थमा दी गई थी। लेकिन जहां एक ओर शरीर जवाब दे रहा था। वहीं दूसरी ओर उनका मनोबल और आत्मविश्वास नई उड़ान भरने को तैयार था।
उन्होंने न केवल बैसाखी को छोड़ा बल्कि अपने पैरों पर खड़ा होकर चलना शुरू किया। एक-एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने जीवन के प्रति एक नया नजरिया अपनाया।
कुछ ही वर्षों में उन्होंने खुद को इतना सशक्त बना लिया कि स्थानीय जिम में जाना शुरू कर दिया। पिछले पांच वर्षों से वे लगातार जिम में नियमित रूप से अभ्यास कर रही हैं। जहां उनके उम्र के लोग रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी जीते हैं, वहीं कमला देवी सुबह-सवेरे उठकर जिम में पसीना बहाने जाती हैं। जिम में उन्होंने खुद को न केवल फिट किया, बल्कि वजन उठाने (वेटलिफ्टिंग) जैसी कठिन कसरत में भी महारत हासिल कर ली।
उनकी मेहनत और जज्बे का परिणाम यह रहा कि उन्होंने विभिन्न स्तरों पर आयोजित वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं से शुरू होकर वे धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच गईं। अब तक वे 100 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इन पुरस्कारों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
सबसे हालिया और गौरवपूर्ण सफलता उन्हें दुबई में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में प्राप्त हुई। संयुक्त भारतीय खेल फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल के सानिध्य में 22 से 28 अप्रैल 2025 के बीच हुआ। इसमें दुनियाभर के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कमला देवी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किए। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न केवल भारत, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य और विशेष रूप से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी सहित का नाम रोशन किया।