शासन को आर्थिक क्षति पहुॅचाकर मुआवजा राशि पाने का प्रयास, सामान्य मृत्यु को सर्प दंश बताकर 03 लाख मुआवजा पाने का षडयंत्र वकील, डाॅक्टर और परिजनो के विरुद्ध कार्यवाही

शासन को आर्थिक क्षति पहुॅचाकर मुआवजा राशि पाने का प्रयास, सामान्य मृत्यु को सर्प दंश बताकर 03 लाख मुआवजा पाने का षडयंत्र वकील, डाॅक्टर और परिजनो के विरुद्ध कार्यवाही

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ) 8 मई। शासन को आर्थिक क्षति पहुॅचाकर मुआवजा राशि पाने का प्रयास करने वाले षडयंत्रकारियों पर बिलासपुर पुलिस का ’’प्रहार’’।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देशन में की गई गहन जांच से हुआ मामले का खुलासा।
सामान्य मृत्यु को सर्प दंश बताकर 03 लाख मुआवजा पाने का षडयंत्र करने वाले वकील, डाॅक्टर और मृतक के परिजनो के विरुद्ध की गई कार्यवाही।
पुलिस जांच मंे हुआ सनसनीखेज मामले का खुलासा, कर्ज से परेशान होकर मृतक ने कर लिया था जहर सेवन।
मुख्य आरोपी मास्टरमांईड कामता साहू द्वारा शास्कीय मुआवजा राशि दिलाने का झांसा देकर परिजनो को बहलाकर झुठा ब्यान दर्ज कराने की हुई पुष्टि

थाना बिल्हा जिला बिलासपुर अपराध क्रमांक 194/2025 धारा 420, 511, 120(बी) भादवि

नाम पता आरोपीगण:-

  1. कामता साहू पिता स्व. रामलाल साहू उम्र 36 वर्ष ग्राम पेण्डारी थाना सकरी जिला बिलासपुर।
  2. डॉ. प्रियंका सोनी एमबीबीएस एम. डी. फोरेंसिक मेडिसीन सिम्स बिलासपुर।
  3. पराग दास घृतलहरे पिता स्व. बगलू उम्र 66 वर्ष साकिन पोडी थाना बिल्हा।
  4. हेमंत कुमार घृतलहरे पिता पराग दास उम्र 34 वर्ष साकिन पोडी थाना बिल्हा।
  5. श्रीमति नीता घृतलहरे पति स्व. शिवकुमार उम्र 35 वर्ष साकिन पोडी थाना बिल्हा।

विवरण:-

                           मामले का विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 12.11.2023 को मृतक शिवकुमार घृतलहरे पिता परागदास उम्र 36 वर्ष साकिन पोडी थाना बिल्हाजिला बिलासपुर को बाडी मे उल्टी करने एवं मुंह से झाग निकलने एवं स्वास्थ खराब होने पर परिजनो द्वारा बिल्हा सीएचसी से चेकअप बाद रिफर किये जाने पर सिम्स मे ईलाज वास्ते भर्ती किया गया था। दिनांक 14.11.2023 को शिवकुमार की ईलाज दौरान मृत्यु हो गई थी। मृतक के शव के पंचनामा एवं पोस्टमार्टम दौरान परिजनो द्वारा बाये पैर के उंगली में सांप काटने से फौत होना बताया गया था। पीएमकर्ता डाक्टर द्वारा शिवकुमार की मृत्यु बाया पैर के उंगली में सांप काटने का निशान पाया जाना एवं मृत्यु सांप काटने से ही होना पीएम रिपोर्ट में लेख की थी। 

                             पुलिस जांच दौरान पंचनामा करने वाले पुलिस अधिकारी द्वारा पंचानो के समक्ष शव निरीक्षण दौरान सांप काटने का मृतक के पैर के उंगली मे निशान नही पाया था। सिम्स में शिवकुमार का ईलाज करने वाले डाॅक्टर से उसके बिमारी एवं मृत्यु के संबंध में जानकारी लेने पर शराब एवं जहर सेवन से मृत्यु होना लेख कर सांप काटने से मृत्यु होने का खण्डन किया गया है। शिवकुमार को ईलाज हेतु जहर एवं शराब सेवन से स्वास्थ बिगडने के कारण भर्ती करना पाया गया। दो अलग अलग अभिमत मृतक शिवकुमार के मृत्यु के संबंध में प्रकाश मे आने पर उसके परिजनो से पुनः पुलिस द्वारा बारिकी से पूछताछ किये जाने पर यह ज्ञात हुआ कि वकील कामता प्रसाद साहू के यह कहने पर कि यदि शिवकुमार की मृत्यु सांप काटने से हुई है बताकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करवाया जाये तो शासन से तीन लाख रुपये मुआवजा मिलेगा जिसके लालच मे आकर उन्होने पुलिस को सांप काटने का झूठा तथ्य बताया है। 

                              पुलिस जांच दौरान यह तथ्य संज्ञान में आने पर मामले की जानकारी *श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (भापुसे)* को दी गई जो उन्होने मामले में गहन जांच के निर्देश दिये जांच पर पता चला कि मृतक शराब पीने का आदी था और कर्ज से परेशान था जिसके कारण स्वयं जहर सेवन कर लिया था यह बात उसने स्वास्थ खराब होने पर स्वतः परिजनो को बताया था। किन्तु परिजनो द्वारा पैसे की लालच मे यह तथ्य छुपा दिया गया था। इसी प्रकार डाॅक्टर द्वारा मृतक के पैर में सांप काटने का कोई निशान नही होना जानते हुये एवं अज्ञात जहर व शराब सेवन से ईलाज वास्ते अस्पताल में उसके भर्ती होने के तथ्यो का अनदेखी करते हुये गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिजनो को मुआवजा राशि के रुप में तीन लाख रुपये दिलाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुचाने एवं स्वयं लाभान्वित होने के उददेश्य से षडयंत्र मे शामिल होकर तैयार किया गया है। 

                              मामले की जांच पर *आरोपी वकील कामता प्रसाद साहू, डाक्टर प्रियंका सोनी, मृतक के पिता परागदास घृतलहरे, पत्नि नीता घृतलहरे एवं भाई हेमंत घृतलहरे* द्वारा यह जानते हुये कि मृतक शिवकुमार की मृत्यु शराब एवं जहर सेवन से हुई है, सांप काटने से नही हुई है। शासन द्वारा सांप काटने से मिलने वाले मुआवजा राशि तीन लाख रुपये षडयंत्र पूर्वक सदोष लाभ अर्जित करने की नीयत से पुलिस को झूठे तथ्य बताये गये है एवं वकील द्वारा तहसीलदार के कार्यालय में मुआवजा हेतु आवेदन दिया गया है मामले मे विवेचना दौरान उपरोक्त आरोपियो को गिरफ्तार किया गया है जिनकी विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है।
Chhattisgarh