रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 12 मई। छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहे नक्सलियों के खात्मे के बीच बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिला नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों में बड़ी संख्या में ऐसे युवा पुरुष एवं महिलाएं भी हैं, जिनकी शादी नहीं हुई है। समर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए राज्य सरकार ने जो पुनर्वास नीति बनाई है, उसमें उनके आगे के जीवन का भी पूरा ध्यान रखा गया है। जो नक्सली समर्पण करने के बाद तीन साल के भीतर शादी करना चाहते हैं तो उन्हें सरकार एक लाख रुपए देगी।
दरअसल, सरकार ने बंदूक उठाने वाले नक्सलियों को बंदूक से जवाब देने की रणनीति के साथ ही आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए राहत के पैकेज जारी किए गए हैं। इस पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से संचालित करने के लिए छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित, राहत पुनर्वास नीति 2025 लागू लागू की की गई है, उसमें शादी के लिए नए 1 लाख रुपए देने का प्रावधान रखा गया है।
आत्मसमर्पण के बाद तीन साल के भीतर समर्पण करने पर यह राशि मिलेगी लेकिन इसमें शर्त ये है कि अगर महिला एवं पुरुष दोनों पूर्व नक्सली हैं तो उन्हें एक इकाई माना जाएगा। यही नहीं, समर्पण करने वालों को 50 हजार रुपए नकद भी दिए जाएंगे।
खास बात ये है कि, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में किसे नक्सली माना जाएगा? यह भी नीति में साफ किया गया है। जो नक्सलियों के अलग-अलग संगठनों से जुड़े हैं, उन्हें इस नीति का लाभ मिलेगा।
इनमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया माओवादी, इनके फ्रंटल आर्गेनाइजेशन भी शामिल होंगे, जिनमें दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ, कांतिकारी आदिवासी महिला संघ, क्रांतिकारी आदिवासी बालक संघ, क्रांतिकारी किसान कमेटी महिला मुक्ति मंच, आरपीसी या जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंच, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया, तृतीय प्रस्तुति कमेटी झारखंड जनमुक्ति परिषद, जनहित कांतिकारी पार्टी, मूलवासी बचाओ मंच का सदस्य, चाहे वह किसी भी पद पर हो या शासन द्वारा समय समय पर घोषित विधि विरुद्ध नक्सली संगठन का सदस्य हो।
ऐसे व्यक्ति, जो छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी हो या नहीं, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में इन संगठनों के क्रियाकलाप में शामिल हों, आत्मसमर्पण के पात्र माने जाएंगे।