मोहला(अमर छत्तीसगढ) 12 मई। नक्सलियों की सबसे बड़ी आवक तेंदूपत्ता वसूली को लेकर नक्सल संगठन छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र बॉर्डर पर एक्टिव हैं। मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी जिले से सटे गढ़चिरौली जिले के सरहदी इलाके में जंगल के भीतर तीन जगह पर महाराष्ट्र की एंटी नक्सल फोर्स के साथ सोमवार की सुबह मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल पर खून के धब्बे, रायफल, कारतूस और नक्सल सामग्री बरामद किया गया है।
महाराष्ट्र नक्सल सेल से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार की दोपहर विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली कि भामरागढ़ दलम के नक्सली एफओबी कवांडे के पास महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ सीमा पर एकत्रित हुए हैं। गुप्त सूचना के आधार पर नक्सल ऑपरेशन के एडिशनल एसपी एम रमेश के नेतृत्व में लगभग 200 सी 60 के एंटी नक्सल कमांडो ने रविवार शाम को अभियान शुरू करते हुए जंगल मे दाखिल हुए। सोमवार की सुबह जब वे इलाके की तलाशी कर रहे थे। तभी नक्सलियों के द्वारा उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिसके बाद सी 60 ने जवाबी कार्रवाई की।
महाराष्ट्र फोर्स के साथ हुई मुठभेड़ में घटना स्थल से इंसास और एक सिंगल शॉट राइफल, एक मैगजीन, कई जिंदा राउंड, डेटोनेटर, एक रेडियो, 3 पिट्ठू, डब्ल्यूटी चार्जर और बड़ी मात्रा में नक्सली साहित्य और सामान बरामद किया गया। वहीं फोर्स ने नक्सलियों के शिविर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। माओवादी और गढ़चिरौली फोर्स के साथ हुए संघर्ष में मौक़े पर माओवादियों के घायल होने तथा मारे जाने के साथ नक्सलियों द्वारा शवों को घसीटने के चिन्ह मिले हैं। जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि, नक्सलियों को बेहद बड़ी छति इस मुठभेड़ में पहुंची है।
लगातार बस्तर, मोहला, मानपुर, अंबागढ़, चौकी तथा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों के खिलाफ व्यापक मोर्चा सुरक्षा बल के जवान लिए हुए है। इस बीच किसी तरह नक्सलियों के सालाना सबसे बड़े आय तेंदूपत्ता ठेकेदारों से वसूली के लिए नक्सली संगठन बॉर्डर वाले इलाके में फिर से सक्रिय होने का प्रयास कर रहे हैं।