दुर्ग(अमर छत्तीसगढ) 17 मई। छत्तीसगढ़ में अवैध घुसपैठियों के विरुद्ध एसटीएफ की कार्यवाही लगातार जारी है। फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र एवं बैंक पासबुक इत्यादि बनाकर दुरुपयोग किया गया।
इंटरनेट कॉल और वाट्सएप के माध्यम से आरोपी महिला बांग्लादेश में अपने परिजनों से बातचीत करती थी। महिला और उसके पति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1946 एवं भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967 एवं पासपोर्ट (भारत मे प्रवेश) अधिनियम 1920 के तहत कार्यवाही की गयी है।
दरसअल, छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे, बांग्लादेशी, रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर, उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने और उन्हें वापस भेजने की कार्यवाही के लिए दुर्ग जिला में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है। यह बल लगातार दुर्ग में अवैध रूप रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की कार्यवाही कर रही है।

दुर्ग पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, अवैध घुसपैठियों की पहचान कार्यवाही के क्रम में 16 मई को जानकारी प्राप्त हुई कि, पांच रास्ता सुपेला में स्थित एक मकान में एक संदिग्ध बांग्लादेशी महिला और उसका पति अपना मूल पहचान छुपाते हुए ज्योति एवं रासेल शेख के नाम से रह रहे हैं। सूचना मिलते ही तस्दीकी की गई और अग्रिम कार्यवाही के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया गया।
एसटीएफ टीम द्वारा दुर्गा बाई के मकान में रह रही महिला एवं उसके पति से पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम ज्योति एवं रासेल शेख मूल निवासी ग्राम मोमिनपुर थाना स्वरूपनगर जिला उत्तर-24 परगना पश्चिम बंगाल का होना बताया। उन्होंने बताया कि, विगत वर्ष 2009 से 2017 तक नवी मुंबई ठाणे मे रहे, इसके बाद शादी पार्टी में कार्य करने के लिए यहां आए और तब से वर्ष 2017 से लगातार भिलाई में रह रही है। पहचान के लिए महिला ने ज्योति रासेल शेख और उसके पति रासेल शेख के नाम से आधार कार्ड प्रस्तुत किया। जो तस्दीकी के दौरान प्रथम दृष्टया सन्देहास्पद पाया गया।
महिला एवं उसके पति से बारीकी से पूछताछ करने पर उसने अपना मूल नाम शाहीदा खातून पिता मो. अब्दुस सलाम खॉ उम्र 35 वर्ष एवं उसके पति द्वारा स्वयं का नाम मो. रासेल शेख पिता मो. फकीर अली शेख उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम बाला पोस्ट रघुनाथनगर थाना झीकारगाछा जिला जेस्सोर बांग्लादेश का होना बताया।
इसके बाद जांच के दौरान पाया गया कि, बांग्लादेशी महिला शाहीदा खातून वर्ष 2009 से भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बोंगा बार्डर से अवैध तरीके से नार्थ-24 परगना पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर हावडा होते हुए मुंबई जाकर मजदूरी कार्य के दौरान उसका परिचय बांग्लादेश निवासी मो. रासेल से हुई। दोनों मुंबई से वापस बांग्लादेश गये। वहां पर योजनाबद्ध तरीके से महिला शाहीदा खातून ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया और मो. रासेल से शादी कर ली। शादी के बाद दोनों वर्ष 2017 में पासपोर्ट और भारतीय वीजा पर भारत मे प्रवेश किये।
महिला ज्योति रासेल शेख का वीजा अवधि 13.09.2018 और मो. रासेल शेख का वीजा अवधि 12.04.2020 था। दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने कोपरगॉव वासी नवी मुंबई ठाणे मे रहते हुए षडयंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर जन्मतिथि एवं असली नाम को छुपाते हुए क्रमशः ज्योति रासेल शेख एवं रासेल शेख के नाम से फर्जी आधार कार्ड एवं पैन कार्ड तैयार करवाया।
शादी पार्टी में काम करने के लिए दोनों मुंबई से भिलाई आकर रहने लगे। इसी दौरान वर्ष 2020 में बगैर विधिक दस्तावेज के भारत में निवासरत होना पाये जाने से ज्योति रासेल शेख उर्फ शाहीदा खातून एवं रासेल शेख के विरूद्ध दुर्ग जिले में विदेशी विषयक अधिनियम, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम एवं भारतीय दण्ड विधान के विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
दोनों ने नवी मुंबई, ठाणे में फर्जी रूप से तैयार पैन कार्ड एवं आधार कार्ड मे उल्लेखित पते में जानबूझकर परिवर्तन कराते हुए बांग्लादेशी नागरिक के मूल पहचान को छिपाते हुए उसमे कूटरचना कर उसमें अम्बेडकर नगर कांटेक्टर कालोनी भिलाई का पता लेख कराया। इसके पश्चात उक्त फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भिलाई मे फर्जी पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, विभिन्न बैंकों मे खाता खुलवाया।
इस प्रकार बांग्लादेशी नागरिक शाहीदा खातून उर्फ ज्योति रासेल शेख एवं मोह. रासेल शेख पिता मोह. फकीर अली शेख उम्र 36 वर्ष द्वारा बिना वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में निवासरत होकर बांग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागरिक सिद्ध करने के लिए छलपूर्वक फर्जी पेन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र एवं आधार कार्ड, बैंक संबंधी दस्तावेज इत्यादि कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनका दुरूपयोग करना अपराध धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) बीएनएस. 14 विदेशी विषयक अधिनियम 1946, 12 पासपोर्ट अधिनियम 1967 एवं 03 पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 का घटित करना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। दोनों आरोपीयों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने से उन्हे 16 मई को गिरफ्तार किया गया है।