रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 17 अप्रैल। छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर में स्काई वाक के निर्माण के लिए सरकार ने 37 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। शुक्रवार को पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि, पहले तो कांग्रेस के नेताओं ने समर्थन किया और फिर सरकार बनने के बाद में मुकर गए।
विधायक राजेश मूणत ने कहा कि, शास्त्री चौक से लेकर जय स्तंभ चौक और जेल चौक तक स्काई वाक का प्लान बना था। क्योंकि, शास्त्री चौक और जय स्तंभ चौक में पैदल चलने वाले लोगों के कारण जो वाहन से जाते हैं, उनको दिक्कत होती थी। उस समय इस पर पीपीटी बनाया गया। जिसके बाद तत्कालीन विधायक सत्यनारायण शर्मा, तत्कालीन महापौर किरण मई नायक, सभापति प्रमोद दुबे सभी ने सहमति जताई थी। इसके बाद भूमि पूजन किया गया और काम चालू किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि, विधानसभा सत्र में किसी भी कांग्रेस के विधायक ने इस पर कोई सवाल नहीं उठाया था। स्काईवॉक पर सरकार ने स्काईवॉक का डिटेल्ड सर्वे किया। सरकारी दफ्तरों को स्काईवॉक से जोड़ने का प्रयास किया गया। 8 जगहों पर एस्केलेटर का प्रावधान किया गया। DKS, मेकाहारा अस्पताल को जोड़ने का प्रयास किया गया। सेफ्टी, दुकानों में मेंटेनेंस का प्रावधान स्काईवॉक में किया गया। वर्ष 2018 में सरकार बदल गई और कांग्रेस के मित्रों ने कहा कि, स्काईवॉक नहीं बनना चाहिए।
इसमें PWD ने कोई आदेश नहीं निकाला। तात्कालिक CM भूपेश बघेल ने तीन- तीन जांच कमेटी बैठा दी। रायपुर के तात्कालिक कलेक्टर एस भारतीदासन ने जांच के बाद कहा भी कि, स्काईवॉक पूरा करना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। 2024 तक एजेंसी का टेंडर कैंसिल नहीं किया गया।
सीएम विष्णुदेव साय के सामने डिप्टी सीएम अरुण साव ने स्काईवॉक पर डिटेल्ड रिपोर्ट दिया। जिसके बाद बचे हुए 37 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई है। कांग्रेस नेताओं को कुछ समझ नहीं आता, कुछ भी बोल रहे हैं। कांग्रेस को पहले टेक्निकल रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। कई लोगों ने उपयोग के सुझाव दिए हैं। लेकिन कई लोगों ने स्काईवॉक का पॉलिटिकल उपयोग किया। भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस को जनता ने हराया। बीजेपी के काम की पद्धति पर जनता को विश्वास है।