रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 19 मई। विगत दिनों भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर नाम से जो साहस, शौर्य और वीरता का परिचय दिया है, उससे हम सभी भारतीय गौरवान्वित महसूस करते हैं।

इन्हीं जाँबाज भारतीय सैनिकों के प्रति धन्यवाद व्यक्त करने के लिये राजधानी रायपुर की एक संगीत संस्था “सुर-बिहान मैडिकोज ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन रविवार 18 मई 2025 को किया।

03 घंटे के इस कार्यक्रम में संस्था के सभी सदस्यों ने देशभक्ति पूर्ण समूह, युगल और एकल गीत प्रस्तुत कर ‘ऑपरेशन सिंदूर के सफलता में गल-नम-वायू सेना के अदम्य साहसपूर्ण भूमिका के प्रति अपनी कृतज्ञता और एकता प्रदर्शित की।

“ये देश है वीर जवानों का समूह गीत से कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। डॉ. अरविन्द नेरल के परिकल्पना और नेतृत्व में सभी चिकित्सक सदस्य तीरंगा झण्डा, गमछा और कलाई बैड पहन कर भारतीय और राष्ट्रीयता से परिपूर्ण माहौल में जोश जुनून की मावना के साथ कार्यक्रम हुआ।

भारतीय सेना के पराक्रमों के प्रति नतमस्तक चिकित्सक गायक डॉ. विप्लव दत्ता ने “आ अब लौट चलें’, डॉ. अरविन्द नेरल छोडों कल की बातें’, डॉ. किशोर झा “ऐ मेरे प्यारे वतन, डॉ. संतोष सोनकर “सुनो गौर से दुनिया वालो” और डॉ. वर्षा मुंगुटवार ने “आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं” गानें प्रस्तुत किये। डॉ. एस. एन. गोले ने “मां एं तेरी मिट्टी बुलाये” उच्च स्तर की संगीतमय प्रस्तुति दी।

डॉ. विभा पात्रे के “देश मेरा रंगीला, डॉ. राम गोपाल- ऐ वतन-वतन आबाद रहे तू. डॉ. वंदना देवांगन ये मेरे वतन के लोगों, डॉ. मान्या ठाकुर “तेरी मिट्टी में मिल जावां, डॉ. नूतन ढाबरे” वंदे मातरम, डॉ. देवप्रिय रथ ताकत बतन की हमसे है. डॉ. आकाश लालवानी के ओ देश मेरे ने उपस्थित सभी लोगों में देशप्रेम की भावना का संचार किया।
एकल गीतों की श्रृंखला के पश्चात सदस्यों ने समूह और युगल गीतों के रूप में “मां तुझे सलाम, जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया, “मेरे देश की धरती और मेरा कर्मा तू जैसे ओजस्वी गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की थीम “जय हिन्द की सेना को सार्थक किया।

सुर-बिहान मेडिकोज, राजधानी रायपुर के संगीत प्रेमी विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक समूह है, जो विगत 7 वर्षों से लगातार प्रतिमाह एक-एक संगीत की महफिल आयोजित करता है। इसमें अधिकांश सदस्य पं.ज. ने. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, के विभिन्न विभागों के चिकित्सा शिक्षक है और कुछ इसी महाविद्यालय से पढ़े शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक है।

इस कार्यक्रम में संस्था के वरिष्ठतम सदस्य डॉ. विप्लव दत्ता का सम्मान किया गया और धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. अरविन्द नेरल द्वारा कार्यक्रम का समापन इस शेर के साथ किया गया “जमी पर घर बनाया है मगर हम जन्नत में रहते हैं, हम खुशकिस्मत हैं कि हग भारत में रहते हैं।”
