डोंगरगढ़ में रोपवे संचालन शुरू : अधर में लटकी हादसे की जांच, जिम्मेदारों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

डोंगरगढ़ में रोपवे संचालन शुरू : अधर में लटकी हादसे की जांच, जिम्मेदारों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

डोंगरगढ़ राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 20 मई। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के धर्मनगरी डोंगरगढ़ में बीते 24 अप्रैल को विश्व प्रसिद्ध मां बमलेश्वरी धाम में हुए रोपवे हादसे से बीजेपी प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा गंभीर रूप से घायल हुए थे। हादसे के बाद प्रशासन द्वारा रोपवे संचालन को बंद करवा दिया गया था। लेकिन अब दर्शनार्थियों को राहत देते हुए, एक लंबे अंतराल के बाद रोपवे संचालन शुरू किया गया है।

विश्व प्रसिद्ध मां बमलेश्वरी मंदिर रोपवे में बीते 24 अप्रैल को एक हादसा हुआ और बीजेपी नेताओं से भरी रोपवे ट्रॉली नीचे पहुंच कर स्टेशन में अचानक पलट गई। इस हादसे में जहां एक ओर बीजेपी प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिनका इलाज अब भी रायपुर के अस्पताल में चल रहा है। हादसे के बाद जिला प्रशासन ने आनन फानन में रोपवे संचालन को बंद करवा दिया था।

हादसे की पूरी जांच होने के पश्चात् ही रोपवे संचालन करने का आदेश जारी किया था। दूर- दूर से माता के दरबार में आने वाले दर्शनार्थियों को राहत देते हुए लम्बे अन्तराल के बाद अब रोपवे का संचालन पुनः शुरू किया गया है। लेकिन इस हादसे में अब तक किसी भी दोषी पर कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली रही है।

इस पूरे मामले को लेकर मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि, रोपवे ट्रॉली के हादसे को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने इसे बड़ी गंभीरता से लिया। जिसके लिए एनआईटी रायपुर की टीम और दामोदर रोपवे जो कि रोपवे के संचालन के लिए जिम्मेदार कंपनी है। पुनः ट्रस्ट ने संयुक्त रूप प्रत्येक बिंदुओं पर बारीकी से जॉच करवाया पूरी सन्तुष्ट होने के बाद रोप वे का संचालन शुरू किया है। मां बम्लेश्वरी रोपवे संचालन समिति समय- समय में रोप में जो भी कमी पाई जाती है तो दामोदर इंफ्रा कम्पनी द्वारा उसे मंदिर ट्रस्ट को बताया जाता है।

जिसे रोप वे संचालन समिति एडवांस पेमेंट मेंटेनेंस सामग्रियों के लिए दामोदर इंफ्रा कम्पनी को करती हैं। सुरक्षा की दृष्टि से रोपवे की ट्रॉली न गिरे इसको ध्यान में रखते हुए डबल सपोर्ट सिस्टम का भी इंस्टॉलेशन भविष्य में किया जाएगा । हादसे की जांच के संबंध में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि जांच जिस जगह रोपवे की ट्रॉली गिरी थी वह एक मोड है और मोड़ में ट्रॉली तेज आने के कारण वह ट्रॉली गिरी थी।

वही पूरे मामले में डोंगरगढ़ पुलिस थाने में भी एक FIR दर्ज हुई थी। जिसे लेकर थाना प्रभारी डोंगरगढ़ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि, अभी भी पुलिस के द्वारा मामले में जांच जारी है। किसी भी तरह की कोई चार्जशीट नहीं बनाई गई है। इतने दिन बीतने पर भी पुलिस महज सीसीटीवी फुटेज खंगालने और वहां उपस्थित कर्मचारियों के बयान कराने की बात में ही अटकी है।

स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी एसडीएम मनोज मरकाम ने बताया कि रोपवे संचालन कंपनी दामोदर रोपवे के द्वारा उसमें आवश्यक सुधार एक टेक्निकल रिपोर्ट भेजा गया है। साथ ही एन आई टी रायपुर की टीम ने भी जांच में आवश्यक सुधार के लिए कहा है। जिसे सुधार कर मैनुअल शुरू किया गया है। वही रोपवे में अब भी कुछ सुधार मैनुअल से ओटोमेटिक करने के लिए करने है। जिसमें दो महीने का समय लगेगा। वही जांच में दोषी के संबंध में पूछे जाने पर एस डी एम ने अपना पलड़ा झाड़ते हुए कहा कि रिपोर्ट ऊपर भेज दी गई है और दोषी कौन अब तक पता नहीं।

बीते 24 अप्रैल को हुई डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर रोपवे में यह कोई पहली घटना नहीं वही इस घटना के बाद अब जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक सुधार कर रोपवे संचालन को शुरू करने की बात करते हुए मंदिर ट्रस्ट समिति और प्रशासन एक साथ एक सुर में जुगलबंदी करते नजर आ रहे हैं। जबकि, हादसे में दोषी कौन पूछे जाने पर अब भी पुलिस और प्रशाशन चुप्पी ही साधे हुए है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस मामले में कोई दोषी पाया जाता है या फिर अमूमन जांच के नाम पर जो खाना पूर्ति की जाती है, वैसा आलम यहां भी देखने को मिलेगा ?

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