- छोटे-छोटे तप केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं बढ़ाते बल्कि मानसिकता भी परिपक्व करते हैं राजनांदगांव नौ अगस्त। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने आज यहां कहा कि आप माउंट एवरेस्ट के सामने यदि खड़े होकर बोले कि एक दिन मैं तुम्हें फतह करूंगा तू जितना है उतना ही रहेगा किंतु मैं बढूंगा और तुम्हें फतह अवश्य करूंगा, निश्चित मान लीजिए आप एक न एक दिन सफल अवश्य होंगे। उन्होंने कहा कि सफलता उसे ही शोभा देती है जिन्होंने जीवन में संघर्ष किया हो।
जैन संत श्री हर्षित मुनि ने आज समता भवन में अपने नियमित प्रवचन में कहा कि हिम्मत मत हारो और समस्या का समाधान ढूंढो। आपने यदि समस्या का समाधान ढूंढ लिया तो आप महापुरुष बन जाएंगे। महापुरुषों की संघर्ष यात्रा से कुछ तो सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम छोटे-छोटे संघर्षों से ही हिम्मत हार जाते हैं। हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हीरा और कोयले में यही अंतर है कि हीरा ने दबाव सह सहकर अपनी केमिकल बॉडी इतनी विकसित कर ली कि वह चमकदार हो गया जबकि कोयले ने ऐसा नहीं किया और वह काला के काला ही रह गया। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे तप केवल शारीरिक सहनशीलता ही नहीं बढ़ाते, शारीरिक शक्ति ही नहीं बढ़ाते बल्कि हमारी मानसिकता को भी परिपक्व करते हैं।
संत श्री ने कहा कि जीवन में समस्याएं तो आती ही रहती है। यदि समस्या नहीं आती तो उसका समाधान भी नहीं निकलता। उन्होंने कहा कि विचारों में दृढ़ता हो तो कोई भी काम किया जा सकता है। सकारात्मकता ही समस्या का समाधान खोजती है। घर का मुखिया यदि सकारात्मक सोचता है तो छोटों में भी यह सकारात्मकता ट्रांसफर होती है। निराश होकर हाथ में हाथ धर कर बैठने से कोई समस्या का समाधान नहीं निकलता । कुछ ना कुछ करना चाहिए तभी समस्या का समाधान निकल सकता है। आश्चर्य तो इस बात का होता है कि जीवन की जंग में वो हार मान लेते हैं जिनके ऊपर कोई जिम्मेदारी ही नहीं होती। कोई बच्चा पढ़ाई में फेल हो गया तो वह अपने जीवन को समाप्त करने की सोच लेता है जबकि उसके सिर पर कोई जिम्मेदारी ही नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह समस्या का समाधान नहीं है, उसे समस्या का समाधान करने की कोशिश करनी चाहिए। महापुरुष यदि जीवन हारने की सोचते तो वे लोगों के लिए उदाहरण नहीं बन पाते।
मुनि श्री ने फरमाया कि आप यह सोचे कि भगवान हमारे साथ है, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है। आप यह सोचे कि जो परिस्थितियां आ रही है, वह हमें परेशान करने के लिए आ रही है। हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और समस्या का समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रोत्साहित करें, बच्चों को सामान्य नहीं बल्कि असामान्य बनाए ताकि वह कुछ कर सके और लोगों के लिए मिसाल बने। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।