दुर्ग में उपवास, एकासना, आयंबिल तप की नियमित आराधना….. गुरुदेव रतन मुनि महाराज के सानिध्य में हो रहे धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम

दुर्ग में उपवास, एकासना, आयंबिल तप की नियमित आराधना….. गुरुदेव रतन मुनि महाराज के सानिध्य में हो रहे धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम

दुर्ग / जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में तप त्याग ध्यान धर्म अराधना में जैन समाज के सभी वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं ।
छत्तीसगढ़ प्रवर्तक गुरुदेव श्री रतन मुनि जी महाराज के आशीर्वाद एवं यूवाचार्य भगवंत श्री महेंद्र ऋषि जी एवं साध्वी सन्मति जी के सानिध्य में धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का सुंदर संयोजन किया जा रहा है
प्रचार प्रसार प्रमुख नवीन संचेती ने बताया कि उपवास, एकासना, आयंबिल तप की नियमित आराधना चल रही है यूवाचार्य भगवंत श्री महेंद्र ऋषि महाराज के मंगल पाठ एवं रतन भूमि जी मुनि जी महाराज के आशीर्वाद से मासक्षमण की तपस्या गतिमान है। विवेक संचेती, विक्रम पारख, स्वीटी पारख एवं श्रमण संघ बालिका मंडल की अध्यक्ष कु श्रेया बाधमार छोटी उम्र में बड़ी तपस्या की ओर अग्रसर है ।जबरदस्त आत्म विश्वास के साथ परिवार जनों के सहयोग एवं गुरु भगवंतो के आशीर्वाद से पहली बार सिर्फ धर्म पानी पीते हुए इस तपस्या को अंजाम तक पहुंचा रही है।

इसके पूर्व श्रेया बाधमार ने आज तक कोई तपस्या कभी नहीं की है ‌। इसी तरह विक्रम ,स्वीटी, विवेक ने पहली बार इतनी बड़ी समस्या तपस्या को सहज रुप से संपन्नता की और अग्रसर है । आज तपस्वी विवेक संचेती के सम्मान में श्रमण संघ महिला मंडल एवं पारिवारिक सदस्यों ने मिलकर अनुमोदना करते हुए भक्ति संगीत से आनंद संमवशरण में शानदार समा बांधा ।

श्रमण संघ दुर्ग की ओर से मासश्रमण तपस्वियों का अभिनंदन

श्रमण संघ दुर्ग की ओर से मासश्रमण तपस्वियों का आज आनंद समवशरण की धर्म सभा में यूवाचार्य श्री के समक्ष विवेक संचेती विक्रम पारख, स्वीटी पारख श्रेया बाधमार का अभिनंदन किया गया

नवकार महामंत्र जाप की आराधना गतिमान है

चातुर्मास लगने के साथ ही 12 घंटे नवकार महामंत्र की अराधना जय आनंद मधुकर रतन भवन में चल रही है जिसमें सभी परिवार एवं जैन समाज के लोग जप अनुष्ठान कर रहे हैं
पयुषण पर्व के दौरान यह अराधना 24 घंटे दिन रात चलेगी 24 अगस्त से जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व पर पर्यूषण पर्व प्रारंभ हो रहा है जिसमें नवकार महामंत्र जाप ,पुज्य जयमल जी जाप
आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी महाराज का जप भी प्रारंभ होगा


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