राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) प्रेस क्लब भवन राजनांदगांव मे प्रेस वार्ता कर सूदखोर के षडयंत्र और जमीन की ठगी होने का आरोप लगाते हुए रफीक अली कन्हारपुरी थाना कोतवाली राजनांदगांव ने पत्रकारों के समक्ष अपनी आप। बीती सुनाई और बताया की सन 2012 में पारिवारिक जरूरत के लिए उन्होने अपने हक़ व नाम की जमीन को पुरुषोत्तम खंडेलवाल पिता स्व. रिखीराम खंडेलवाल निवासी लखोली रोड राजनांदगांव के पास 28 लाख 50 हजार में गिरवी रखना तय हुआ था ।जिसमे 23 लाख रु. प्राप्त हुआ था जिसके एवज में उनके स्वामित्व की भूमि ख. नं. – 808 / 1 रकबा 8 एकड़ को क्रमशः 1. पुरुषोत्तम खंडेलवाल 2 मेघा खंडेलवाल 3. उषा खंडेलवाल तथा प्रियंक खंडेलवाल के नाम पर मौखिक समझोते के तहत 2% मासिक ब्याज 2 गवाह सईद खान तथा रशीद खान की मौजदगी में आपसी समझौता हुआ। गिरवी रजिस्ट्री कराते समय पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने उन्हे कहा था कि रजिस्ट्री खर्चा किसान रफीक को वहन करने की शर्त रखी थी जिसमे कि जब भी गिरवी की राशि वापिस करोगे रजिस्ट्री अपने नाम से करा लेना । वार्ता मे रफीक ने यह भी बताया की पुरषोत्तम खंडेलवाल ने कहा था कि 28 लाख 50 हजार रु. की राशि पर 8 एकड़ कम हो रहा है, कहा गया की बची स्वामित्व की 2 एकड़ जमीन ख. नं. 808/1 रकबा 2 एकड़ को वर्ष 2012 में रजिस्ट्री के साथ ही पुरुषोत्तम खंडेलवाल के नाम पर पावर ऑफ अटर्नी ले लिया गया था | उक्त समझौते के तहत ब्याज की राशि उचित समय में जमा किया जाता रहा लेकिन अकस्मात वर्ष 2014 में पीड़ित किसान रफीक को जानकारी दिए बगेर ही दिए गए पावर ऑफ़ अटर्नी वाली भूमि को पुरुषोत्तम खंडेलवाल द्वारा अपनी पत्नी उषा खंडेलवाल के नाम रजिस्ट्री करवा लिया गया। चूँकि किसान कर्जदार था उस दौरान राशि वापिस करने की स्थिति में नहीं था बावजूद किसान ने संपर्क कर जमीन की रजिस्ट्री पर आपत्ति जताई तब उन्होंने पीड़ित किसान को आश्वस्त किया कि वे चिंता न करे पैसा लेकर आ जाए पूरी जमीन वापिस करने की बात की | इसके बाद वर्ष 2015 में किसान रफीक की दुर्घटना हो गई जिसमे उनका पैर टूट गया और वह इलाज करवाता रहा लगभग 2 वर्ष तक चलने फिरने लायक नहीं रहा, बावजूद संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया जब वह ठीक हुआ तो उनके घर गया, तो उन्होंने इस संबंध में बात करने से मना कर दिया जब दूसरी बार गया तो साहूकार ने गालीगलौच कर भगा दिया तीसरी बार फिर गया तब पता चला कि पुरुषोत्तम खंडेलवाल भी बीमार होकर कोमा में चला गया हैं। फिर उसका बेटा प्रियंक खंडेलवाल ने कहा कि पापा को ठीक होने दो फिर बात कर लेगे लेकिन इन्तजार करने के बाद भी पुरुषोत्तम खंडेलवाल ठीक नहीं हुए तब उनके बेटे प्रियंक से पुनः बात हुई तब उन्होंने कहा बार बार परेशान करने की जरुरत नहीं है 1 करोड़ ले आओ और अपनी
जमीन वापिस ले जाओ जिसकी वीडियो रिकार्डिंग भी पीड़ित किसान के पास उपलब्ध है, हताशा और इस मामले को लेकर 26/07/21 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय को शिकायत भी किया था जिसके एवज में थाना कोतवाली द्वारा धारा 155 के तहत फैना काट दिया फिर मुझे समझ नहीं आया कि मैं क्या करूँ एक दिन अचानक पता चला कि उक्त भूमि को किसी सोनकर को बिक्री कर दिया गया है। जिसमे किसान रफीक ने आपत्ति भी दर्ज किया था लेकिन आपत्ति ख़ारिज हो गई और उक्त भूमि सोनकर के नाम पर नामांतरण कर दिया गया किसान रफीक ने बताया की मेरी गलती की सजा इतनी बड़ी मिलेगी मुझे एहसास नहीं था मैं अपने परिवार व समाज के सामने मुंह दिखाने के लायक नहीं रहा मेरी 2 लड़की व एक लड़का शादी के लायक हो चुके हैं मैं बर्बाद हो चूका था मैंने साहुकार प्रियंक खंडेलवाल से मिलकर उसी जमीन को बेचकर कर्ज चुकाने व बचत रकम से अपने परिवार का पालन पोषण करने को हाथ जोड़ा लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और इस दौरान उक्त भूमि की जोत कब्जा किसान रफीक के पास ही था।मुझे दबाव देते हुए थाना कोतवाली में लाया गया था,कृष्णा सोनकर प्रियंक खंडेलवाल कदीर बडगुजर द्वारा थाने में डराया धमकाया गया कि जमीन में कब्ज़ा खाली करो शासन प्रशासन हमारा है जेल भिजवा देंगे इस बात से किसान रफीक डर गया और दबाव में आकर फांसी लगाकर आत्महत्या की कोशिश किया । इस मामले में पुनः जांच कमेटी बिठाकर बैंक चेक गवाहों के कथन व दस्तावेजों की जांच कराइ जावे अगर इन्साफ नहीं मिलता है तो किसान रफीक सपरिवार मुख्यमंत्री निवास रायपुर के सामने सामूहिक आत्मदाह करने की बात पत्रकारों के समक्ष कही । उक्त पत्रकार वार्ता में कमर अली, मिर्जा हबीब बेग, रफीक अली, शमीम बानो, मुमताज, हमीदा बेगम शाहदत अली उपस्थित थे।
✍🏻 समाचार सहयोग दीपंकर खोबरागडे पत्रकार