नई दिल्ली : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने अपने यहां जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की गति बढ़ाने और स्वच्छ पानी के महत्व पर ग्रामीण समुदायों को सूचित करने और साथ जोड़ने के लिए एक महीने का अभियान- ‘पानी माह’ (जल माह) शुरू किया है। ‘पानी माह’ दो चरणों में ब्लॉक और पंचायत स्तर पर चलेगा। पहला चरण 1 से 14 अगस्त तक चलेगा और दूसरा चरण 16 से 30 अगस्त 2021 तक चलेगा। यह अभियान त्रि-आयामी दृष्टिकोण अपनाएगा- पानी की गुणवत्ता का परीक्षण, जल आपूर्ति की योजना और रणनीति तथा गांवों में पानी सभा का निर्बाध आयोजन।
25 जुलाई, 2021 को लद्दाख में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन पर चार दिवसीय कार्यशाला के दौरान अभियान का शुभारंभ करते हुए, उपराज्यपाल श्री आर के माथुर ने ‘पानी माह’ के उद्देश्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक कुशल सेवा वितरण पारदर्शिता लाता है और सुशासन सुनिश्चित करता है। महीने भर चलने वाले इस अभियान के माध्यम से ग्राम समुदायों को पानी के नमूनों की गुणवत्ता जांच और निगरानी के लिए सैंपल प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पानी माह के पहले चरण में, ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी)/पानी समिति के सदस्यों द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण और स्वच्छता अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस चरण के दौरान परीक्षण के लिए सभी चिन्हित स्रोतों और सर्विस डिलिवरी पॉइंट्स से पानी के नमूने एकत्र किए जाएंगे। पहले चरण में जागरूकता पर ज्यादा जोर दिया जाएगा।
पानी माह के दूसरे चरण में जल जीवन मिशन के तहत पानी की गुणवत्ता और सेवा वितरण पर प्रभावी संचार के लिए पानी सभा/ग्राम सभा/ब्लॉक स्तर की बैठकें आयोजित करने और घर-घर जाकर दौरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस चरण के दौरान जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन, जल गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट और विश्लेषण पर ग्रामीणों के साथ खुले मंच पर चर्चा की जाएगी। अभियान में ग्रामीणों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जल नमूना संग्रह और ग्राम सभाओं के लिए एक गांव/ब्लॉक-वार कार्यक्रम भी तैयार किया गया है।
केंद्र शासित प्रदेशलद्दाख ने भी प्रत्येक जिले के पहले 5 ‘हर घर जल’ गांवों के लिए प्रति गांव 5 लाख रुपए और प्रत्येक जिले में पहले ‘हर घर जल’ ब्लॉक को 25 लाख रुपए के पुरस्कार की घोषणा की है। गणतंत्र दिवस 2022 पर उत्कृष्ट पंचायती राज संस्था (पीआरआई) सदस्यों, प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सहायक कार्यकारी अभियंता (एईई) और अन्य संबंधित हितधारकों को गांवों, ब्लॉकों और जिलों को ‘हर घर जल’ बनाने में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
15 अगस्त, 2019 को, जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, देश के 18.98 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) के पास नल के पानी के कनेक्शन थे। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से उत्पन्न व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन ने पिछले 23 महीनों में 4.65 करोड़ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए हैं। नतीजतन, आज 7.89 करोड़ (41.27 प्रतिशत) घरों में नल के पानी की आपूर्ति है। गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली और दमन एवं दीव, और पुडुचेरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी घरेलू कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है और यह राज्य ‘हर घर जल’ बन गए हैं।
प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत का पालन करते हुए, मिशन का आदर्श वाक्य है कि ‘कोई भी छूटे नहीं’ और गांव के हर घर को नल का पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। वर्तमान में 78 जिलों, 906 प्रखंडों, 53 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों और 1.06 लाख से अधिक गांवों ने ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल किया है।