जामगांव (अमर छत्तीसगढ़) कैवल्यधाम जैन तीर्थ विराजित परमात्मा आदिनाथ की छत्र छाया आध्यत्म योगी महेंद्र सागर जी मसा युवा विद्वान जैन संत मनीष सागर के प्रखर मार्गदर्शन में संचालित विचक्षण जैन विद्यापीठ में विद्वान जैन सन्त ऋषभ सागर जी म सा की विशेष सानिध्य में चिंतनशील कार्यकर्ताओ की महत्वपूर्ण सभा रविवार को आयोजित किया गया।
जिसमे जामगांव आर भखारा, अहिवारा, नगरी, राजिम, पिपरिया, कोरबा, गोंदिया, बेरला, बालाघाट, पंडरिया, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, धमतरी, बिलासपुर, कोरबा, नागपुर आदि जैन श्री संघ के सदस्य उपस्थित हुए। इस सभा मे सदस्यों ने ब्वॉयज एन्ड गर्ल्स हॉस्टल सहित सर्वसुविधा युक्त विद्यापीठ का लाभ अधिकतम लोगो तक पहुचाने चिंतन मनन किया गया।
कोरोना काल मे उपजीत पीड़ादायी समस्या पर भी चर्चा हुई वर्तमान में 264 बच्चे विधापीठ में अपने भविष्य की मजबूत नींव तैयार करने में लगे हुए है।विधापीठ में 2 वर्षो के लिए फूल टाइम सेवा देने वाले महेश कोठारी का सदस्यों ने करतल ध्वनि स्वागत किये अनुमोदना किये। सदस्यों ने समवेत स्वर में कहा कि महेश कोठारी की यह समर्पण विधापीठ के लिए गौरवमय लाभदायी होगा। अभिभावक अपने बच्चों को निश्चिंत होकर विधापीठ में भेज सकेंगे।
विचक्षण जैन विधापीठ शिक्षा संस्कार संगति एकता का अदभुत संगम है,,,,,
विद्वान जैन संत ऋषभ सागर म सा ने कहा विचक्षण जैन विधापीठ शिक्षा संस्कार संगति एकता का अदभुत संगम है आज के भौतिकवादी परिवेश में यह संगम बच्चों को उपलब्ध कराने में माता पिता असहाय नजर आने लगे है। दूरदर्शी आध्यात्म योगी महेंद्र सागर जी मसा युवा विद्वान संत मनीष सागर जी म सा ने जैन धर्म अनुयायीयो के बच्चो को शिक्षा संस्कार संगति एकता एक परिसर में उपलब्ध कराने समाज के धन धर्मनिष्ठ लोगो को प्रभावी प्रेरणा देकर यह विधापीठ प्रारंभ कराए।इसका लाभ स्वस्फूर्त लोगो को उठाना चाहिए।किन्तु परन्तु के फेर वाली अपनी भ्रांतियों को दूर करने स्वयं विधापीठ आकर जिम्मेदार लोगों से चर्चा कर सकारात्मक सोच के साथ उचित हल निकालना चाहिए।
माता पिता बच्चो का ब्लाइंड सपोर्ट कर उनका भविष्य खराब नही करे,,,,,
संत श्री ने कहा कि जन्मदाता माता पिता बच्चो के भाग्य विधाता की भूमिका निभाने से नही चुके बच्चो से लाड प्यार उतना ही करे जितने से उनके भविष्य सवारने में अड़चन पैदा नही हो।बच्चो का ब्लाइंड सपोर्ट नही करे हकीकत की तहकीकात कर रिजल्ट पर पहुचे तभी माता पिता बच्चो का भविष्य उज्ज्वल बनाने में महती भूमिका निभाने में सफल हो पाएंगे।विधापीठ माता पिता के सहयोग से ही उनके बच्चो का भविष्य सवारने में कामयाब हो पायेगा यह बात दिलो दिमाग मे सभी बैठा ले।छोटी मोटी बातों पर अपने विचार रखते समय शालीनता का परिचय अवश्य दे।ध्यान रखे आक्रोशित व्यक्ति अपना इमेज स्वयं खराब करता है।
विधापीठ में मोबाइल मुक्त विद्यार्थी जीवन ,,,,
मानव कल्याण के लिए चिंतन करने वाले जैन सन्त ऋषभ सागर जी मसा ने कहा कि बच्चो को मोबाइल से दूर रख पाने में माता पिता असहाय विवश नजर आने लगे है संतो के दरबार मे भी गुहार लगाने लगे है कि बच्चो को मोबाइल की लत छुड़ाने में मदद करे।संत श्री ने कहा कि माता पिता मात्र धन से ही बच्चो की जीवन सार्थक बना लेने की भूल नही करे आपका धन बच्चें का जीवन तभी सवार पायेगा जब बच्चें को आप धर्म की राह चलना सिखाएंगे।विद्यापीठ इसी अवधारणाओं की पूर्ति के लिए आपके कदम में कदम मिला रही है।पालक असहाय होने के बजाय विधापीठ का सहायता ले।अपना और बच्चो का भविष्य सँवारे।
दुर्ग धमतरी राजनांदगांव आदि शहरों में आगामी सत्र से विधापीठ प्राथमिक स्कूल प्रारंभ होगी,,,,,
विधापीठ के पदाधिकारी सम्पत झाबक पी सी मालू राजेश सावनसुखा महेश कोठारी ने सभा मे सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि रायपुर में पूर्ण कुशलता के साथ संचालित प्राथमिक स्तर तक विधापीठ संचालित हो रही है।दुर्ग राजनांदगांव धमतरी में आगामी सत्र से प्रारंभ होने की कगार पर है।इस महती मीटिंग में भखारा से हरख जैन पप्पू और जामगाँव आर से आसकारण जैन पत्रकार ने हिस्सा लिया।और भी अन्य जगहों में भूमि दानदाताओं सहयोगियों के साथ मिलने पर विस्तार किया जा सकेगा।दीपाली एवं रोशनी बहन ने जैनोलॉजी पर प्रकाश डाले। संचालन महेश कोठारी एवंअशोक कोचर ने आभार व्यक्त किया।सामूहिक भोज पश्चात सदस्य रात्रि में गन्तव्य की ओर आगे बढे।