प्रदेश में दो महीनों में कुल 13 लाख 89 हजार क्विंटल से अधिक पैरादान
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़), 13 जनवरी 2023/ मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के किसानों से पैरादान करने की अपील का व्यापक असर हुआ है। प्रदेश भर में किसान पैरादान कर रहें है। पिछले दो माह में लगभग 13 लाख 89 हजार क्विंटल से अधिक पैरा गौठानों में संग्रहित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने पैरादान को महादान की संज्ञा देते हुए कहा है कि किसान अपने खेतों में पैरा जलाने के बजाए गौठान में दान करें इससे प्रदूषण से राहत मिलेगी और पशुओं को चारा भी मिलेगा। इसके अलावा पैरा का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट बनाने में किया जा सकेगा।गौरतलब है कि भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री ने किसानों से पैरादान करने की अपील कर रहें है। इसका असर अब गांव-गांव में दिखने लगा है। किसान स्वमेव पैरादान करने पहुंच रहें हैं।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी 33 जिलों में पैरादान हुआ है, जिसकी दिसम्बर और जनवरी महीने में कुल मात्रा 13 लाख 89 हजार 374 क्विंटल है। इसमें रायपुर जिला प्रथम स्थान जहां 1 लाख 88 हजार 656 क्विंटल, दूसरे स्थान पर जिला जांजगीर-चांपा 1 लाख 41 हजार 809, तीसरा स्थान पर जिला-धमतरी 1 लाख 21 हजार 766 क्विंटल, चौथे स्थान पर जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जहां 1 लाख 4हजार 607 क्विंटल और पांचवा स्थान पर मुंगेली जिला है जहां 80 हजार 01 क्विंटल पैरादान हुआ है।
जांजगीर-चांपा जिले में सुराजी गांव योजना के तहत बनाए गए गोठानों में गायों के लिए साल भर के लिए पैरा की कमी न हो और पैरा एकत्रित हो सके इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही किसानों को पैरा नहीं जलाने को लेकर सतत रूप से जागरूक किया जा रहा है।
रायपुर में बेलर मशीन की व्यवस्था
रायपुर जिलें में फसल कटाई के पश्चात खेतों में पड़े हुए पैरे एकत्रित करने के लिए शासन द्वारा बेलर मशीन की व्यवस्था की गई है। बेलर मशीन से एकत्रित पैरे का उपयोग गौठानों में पशुओं के लिए निःशुल्क चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। रायपुर जिलें में भी जिला प्रशासन द्वारा किसानों से पैरादान करने की अपील करते हुए कहा है कि किसान अधिक से अधिक संख्या में फसल अवशेष प्रबंधन करें ।