वर्ष 1971 के युद्ध में शामिल सैनिकों के सम्मान में निकली स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा का 12 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ प्रवेश

वर्ष 1971 के युद्ध में शामिल सैनिकों के सम्मान में निकली स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा का 12 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ प्रवेश

**• *12 से 19 अक्टूबर तक छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में कार्यक्रमों का आयोजन*

• *विजय मशाल युद्ध में शामिल सैनिकों के घरों में भी ले जाई जाएगी*

रायपुर, 11 अक्टूबर 2021// वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में शामिल भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने तथा नागरिकों में गर्व की भावना जागृत करने के उद्देश्य से निकाली गई स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा 12 से 19 अक्टूबर के दौरान छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेगी। इस युद्ध में छत्तीसगढ़ के भी 100 से अधिक सैनिकों ने हिस्सा लिया था। बांग्लादेश के लोगों को पाकिस्तान के उत्पीड़न से मुक्ति दिलाने तथा उनके सम्मान की रक्षा के लिए भारत ने वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध करते हुए उस पर शानदार जीत हासिल की थी। इस निर्णायक युद्ध में भारतीय सैनिकों ने ढाका पर कब्जा कर लिया था और 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्म समर्पण के लिए मजबूत कर दिया था। इसी युद्ध के परिणाम स्वरूप एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ था। वर्ष 1971 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के शौर्य को याद करते हुए वर्ष 2020 के विजय दिवस पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर चार स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्वलित किए गए थे, जो विभिन्न दिशाओं में भारत की यात्रा पर हैं। 12 अक्टूबर 2021 को स्वर्णिम विजय मशाल जबलपुर से चिल्फी होते हुए कवर्धा में प्रवेश करेगी। 19 अक्टूबर को कांकेर और धमतरी होती हुई यह ओडिशा की ओर बढ़ जाएगी। इस अवधि में कवर्धा, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, कांकेर और धमतरी में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्वर्णिम विजय मशाल को 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले नायकों के घरों में ले जाकर उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित किया जाएगा।

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