तनाव मुक्ति शिविर एक नई उड़ान का आठवां दिन
भिलाई(अमर छत्तीसगढ़) 6 जून 2023:- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय राजयोग भवन द्वारा रामनगर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मुक्तिधाम स्कूल में प्रारंभ “तनाव मुक्ति शिविर एक नई उड़ान” के आठवें दिन बिलासपुर से पधारी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थापित योग आयोग की प्रथम महिला सदस्य के रूप में मनोनीत वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने बताया कि भारतीय संस्कृति में कमल शब्द पवित्रता का प्रतीक है, जिसे देवी देवताओं के आसन के रूप में तथा हस्तो में दिखाते हैं, इसलिए देवी देवताओं के वर्णन में चरण कमल, नयन कमल, कमल मुख आदि शब्दों का प्रयोग होता है ।
जब हम परमात्मा को राजयोग द्वारा याद करते हैं तो हमारी सारी कर्मेंद्रियां कमल पुष्प समान शीतल पवित्र होती जाती है तथा दैवीय गुण हमारे जीवन में धारण होने लगते हैं। राजयोग के निरंतर अभ्यास से हमारी बुद्धि हंस अर्थात शुद्ध होने लगती है, जिससे दूध और पानी को अलग कर कंकड़ में से सिर्फ मोती चुनते है अर्थात अवगुणों को छोड़कर गुण रूपी मोती धारण करते है ।
बदलते दौर में हमें आध्यात्मिक जीवन राजयोग मेडिटेशन द्वारा हमारे अंदर की आंतरिक शक्ति को जागृत कर परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करनी हैं।
ब्रह्माकुमारी संस्था के बारे में बताते हुए मंजू दीदी ने कहा कि विगत 86 वर्षों से प्रतिदिन यहां पर रोज ईश्वरी पढ़ाई राजयोग मेडिटेशन होता है इसीलिए संस्था की सेवाएँ निरंतर विश्व में बढ़ती जा रही हैं, और अनगिनत मनुष्य आत्माओं को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से शीतल छाया प्रदान कर रही है क्योंकि यह विश्व विद्यालय है और विश्व के 140 देशों में यहां पर रोज पढ़ाई होती है । स्वयं परमात्मा द्वारा पढाये ईश्वरीय महावाक्यों की पढ़ाई पढ़कर उसे जीवन में धारण किया जाता है ।
वही बच्चों के लिए एक नई उड़ान में स्मरण शक्ति बढ़ाने से रिलेटेड एक्टिविटीज भी कराई गई जिसमें बच्चों ने उमंग उत्साह से बढ़ चढ़ कर भाग लिया| अभिभावकों के आग्रह पर एक नई उड़ान कार्यक्रम को 3 दिन और आगे बढ़ाया गया ।