जैन संत श्री विराग मुनि के 154 उपवास पूर्ण, दादागुरुदेव की बड़ी पूजा कर सुखशाता की मंगलकामना

जैन संत श्री विराग मुनि के 154 उपवास पूर्ण, दादागुरुदेव की बड़ी पूजा कर सुखशाता की मंगलकामना


रायपुर/आमगांव (महाराष्ट्र)(अमर छत्तीसगढ़) 16 जून। जैन संत मूनि विराग जी मसा आज अपने 154 वें उपवास के दिन बालाघाट की ओर विहार करते हुए मध्यप्रदेश बालाघाट के लिए अभी महाराष्ट्र के आमगांव में कुशल चौरडिय़ा के निवास में विराजित है। लोग दर्शन लाभ ले रहे है। खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वर जी म सा हस्ते प्रतिष्ठित चमत्कारी श्री जिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी भैरव सोसायटी में अमावस्या के पावन अवसर पर दादागुरुदेव की बड़ी पूजा कर जैन संत श्री विराग मुनि के अभिग्रह पूर्वक जारी 154 उपवास व बालाघाट की ओर पद विहार की सुखशाता की मंगलकामना की जावेगी उक्ताशय की जानकारी श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष सन्तोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने दी ।

श्री विराग मुनि द्वारा आत्मकल्याण सह विश्वकल्याण की भावना से अभिग्रह पूर्वक 15 जनवरी से लगातार जैन उपवास जारी है । अध्यक्ष संतोष बैद ने बताया कि दादागुरुदेव की बड़ी पूजा में जैन संत तप चक्रवर्ती श्री विराग मुनि के 154 उपवास की सुखशाता व पद विहार हेतु मंगलकामना करने श्रद्धालु भाग लेंगे ।

चारों दादागुरुदेव से सकल जैन समाज श्रीसंघ ने प्रार्थना कर शीघ्र अभिग्रह पूर्ण होने की अरदास होगी। आज अमावस्या को दादागुरुदेव की बड़ी पूजा के लाभार्थी जयचंद रमेश , मोहन चंद बच्छावत , दिनेश कुमार जैन , बसंत जितेन्द्र नाहर , नीलमचंद डॉ अंशुल बरडिय़ा , वर्तिका वर्धमान वैभव चोपड़ा , गुमान चंद कांतिलाल झाबक , संतोष सरला बैद परिवार हैं ।

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