मुंबई के गौप्रेमी विजय भाई वोरा को दिया गया गौ सेवा रत्न अलंकरण सम्मान
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 7 जनवरी । खैरागढ़ स्थित मनोहर गौशाला में प्रभु पार्श्वनाथ पंच कल्याणक पूजन और 10वां स्थापना दिवस शनिवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल कहा कि गौशाला में ऋषियों के बताए मार्ग पर काम किया जा रहा है। यहां गोबर व गो-मूत्र से कई अतुलनीय कार्य किए जा रहे हैं। हमने पहली बार किसी गौशाला में देखा है जहां वेद व विज्ञान को जोड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौशाला में हो रहे रिसर्च पर हमारे 11 वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। गौशाला के रिसर्च में आगे जो भी कार्य करने होंगे, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की टीम इसमें जुटेगी।
कार्यक्रम में मौजूद विशेष अतिथि मुंबई के वरिष्ठ समाज सेवी एवं जीवदया प्रेमी विजय भाई वोरा थे। वोरा को भारत की बड़ी संख्या में गौशालाओं की सेवा करने के लिए गौ सेवा रत्न अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया गया। यह अलंकरण दो साल पहले पूर्व राज्यपाल अनुसूइया उइके को दिया गया था। कार्यक्रम का संचालन गगन बरडिया रायपुर ने किया। इस अवसर पर राजेश बरलोटा, ओमप्रकाश बरलोटा रायपुर, जैन समाज के अध्यक्ष खैरागढ़ राजेंद्र डाकलिया, अमरावती गोकुलम संस्थान के अध्यक्ष डॉ. हेमंत मुरके सहित कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार के बड़ी संख्या में गौसेवा प्रेमी मौजूद थे।
फसल अमृत को लेकर होंगे कई कार्य कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि विवि के डायरेक्टर ऑफ रिसर्च डॉ. विवेक त्रिपाठी ने गौशाला द्वारा बनाई गई फसल अमृत की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर सभी गौशालाओं में ऐसा कार्य होने लगे तो किसानों की आय के साथ ही लोग समृद्ध हो सकेंगे। फसल अमृत के उपयोग से खेत में 25 प्रतिशत यूरिया कम पड़ेगी। इसे लेकर आगे चलकर और बड़ा काम किया जाएगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में वंदना ग्रुप चेयरमैन रायपुर गोपाल अग्रवाल, डॉ. विनय बौथरा अमरावती, गोंदिया के महंत रामज्ञानीदास महात्यागी उपस्थित रहे।
गौशाला को अब तक मिले 5 गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड
मैनेजिंग ट्रस्टी पदम डाकलिया ने बताया कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गोल्डन ऑफ बुक रिकार्ड की डायरेक्टर डॉ. सोनल शर्मा मौजूद थी। उन्होंने गौशाला को 70 हजार लीटर फसल अमृत निशुल्क प्रदान करने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए बनाई गई गोबर की चटाई के लिए भी ऑनस्पार्ट गोल्डन ऑफ बुक रिकार्ड प्रदान किया। इसके साथ ही गौशाला को अब तक पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड मिल चुके हैं।
3 हजार पौधों से बनाया जा रहा स्वनिर्मित जंगल
गौशाला के पास 3 हजार पौधे लगाकर जंगल बनाया जा रहा है। अब यह पौधे बड़े होने लगे हैं। यहां आए अतिथि इसे देखकर प्रफ्फुलित हो उठे। यहां 11 सौ गौवंश के लिए शेड एवं पशु चिकित्सालय का निर्माण जारी है। इसका भी अवलोकन किया गया। इसके अलावा फसल अमृत, गौ अर्क के निर्माण की प्रक्रिया भी देखी गई। लोगों ने दुर्लभ कामधेनु माता और पार्श्वनाथ भगवान की पूजा-दर्शन कर आर्शीवाद लिया।