नई सरकार से पूर्ण उम्मीद कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार एवं शिक्षा हित में प्राचार्य पदोन्नति का आदेश शीघ्र जारी करें – सतीश प्रकाश सिंह प्रदेश संयोजक
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 8 जनवरी / “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कार्यरत हजारों नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की प्राचार्य पदोन्नति की आवाज़ को शासन तक पहुंचाने कारगर पहल की हैं। प्रदेश में विगत 11 वर्षो से 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्राचार्य के रिक्त पदों पर पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक माध्यमिक शाला की प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं हुई हैं।
प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों से प्राचार्य पदोन्नति किए जाने की मांग को लेकर विगत तीन वर्षो से प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह के संयोजकत्व तथा अगुवाई में पूर्व सरकार से लगातार मांग की गई। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के द्वारा व्याख्याता तथा प्रधान पाठक से प्राचार्य पदोन्नति किए जाने के लिए हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ से लेकर सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली तक न्याय के लिए गुहार लगाई गई। “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने पूर्व सरकार के मुख्यमंत्री,स्कूल शिक्षा मंत्री , स्कूल शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव, सचिव, संचालक लोक शिक्षण तथा अन्य विभागीय उच्चाधिकारियो से मुलाकात कर अनेकों बार ज्ञापन सौंप कर प्राचार्य पदोन्नति के लिए मांग की, किंतु पूर्व सरकार के द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए बेहद जरूरी।
उन्होंने कहा कि नई सरकार के मुख्यमंत्री तथा स्कूल शिक्षा मंत्री से पूर्ण उम्मीद हैं कि प्रदेश के शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए तथा प्राचार्य विहीन समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य की पद स्थापना के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएंगे।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने मुख्यमंत्री तथा स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग की हैं कि स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 11 वर्षो से रूकी हुई प्राचार्य पदोन्नति के लिए कारगर कदम उठाते हुए प्राचार्य पदोन्नति का आदेश शीघ्र जारी करवाने विभागीय अधिकारियों को समुचित निर्देश जारी करें। उन्होंने मुख्यमंत्री तथा स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग की हैं कि प्रदेश के 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में रिक्त प्राचार्य के पदों को वर्षो से प्राचार्य पदोन्नति से वंचित प्रदेश के सभी पात्र नियमित व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों से प्राचार्य पदोन्नति का आदेश लोक सभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के पूर्व आदेश जारी करें , ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सकें। स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 11 वर्षो से प्राचार्य पदोन्नति नहीं होने के कारण 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य विहीन हैं, जहां प्रभारियों के भरोसे काम चलाया जा रहा हैं।
प्रदेश के 3266 से अधिक स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था तथा शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही हैं। प्रदेश के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में पूर्णकालिक प्राचार्य की इतनी बड़ी रिक्तता सवालिया निशान खड़ा करती हैं।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने कि मुख्यमंत्री तथा स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग की हैं कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत “टी” संवर्ग में वर्ष 2013 से तथा “ई” संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं की गईं हैं । राज्य में 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में 11 वर्षो से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से “टी” तथा “ई” संवर्ग के सैकड़ों नियमित व्याख्याता तथा नियमित प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए हैं। प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गईं हैं। प्रत्येक माह लगातार अनेक वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठक माध्यमिक शाला प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता देखते- देखते सेवानिवृत होते जा रहे हैं। प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने मुख्यमंत्री तथा स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग की हैं कि प्रदेश में विगत कई वर्षों से बाधित रही प्राचार्य पदोन्नति की विभागीय प्रकिया को तेजी से पूर्ण कर 3266 से अधिक हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त सभी पदों पर पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों से प्राचार्य पदोन्नति का आदेश लोक सभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के पूर्व जारी करने की माँग की गई हैं। प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने कहा कि प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने से शासन को कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आयेगा , क्योंकि पदोन्नति प्राप्त करने वाले सभी नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक वर्तमान में प्राचार्य पद का ही वेतन और पे स्केल प्राप्त कर रहें हैं। प्रदेश के इन वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति मिलने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार आएगा।