छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग
रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) भारत के संविधान में अनुच्छेद 243 ट एवं 243 यक में राज्य निर्वाचन आयोग का गठन का प्रावधान है। राज्य निर्वाचन आयोग के अधीक्षण, निदेशन एवं नियंत्रण में नगरीय निकायों के निर्वाचक नामावली एवं निर्वाचन का कार्य संपन्न होता है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील नंबर 5756/2005 किशन सिंह तोमर विरूद्ध म्युनिसिपल कार्पोरेशन आॅफ द सिटी आफ अहमदाबाद एवं अन्य में अवधारित किया गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचन कराने हेतु वही शक्तियां रखता है, जो भारत निर्वाचन आयोग में निहित है।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के नगरपालिकाओं अर्थात् नगरपालिक निगम, नगरपालिका परिषद् तथा नगर पंचायतों के 10 जिलों (रायपुर, दुर्ग, राजनांदगावं, बेमेतरा, रायगढ़, कोरिया, सूरजपुर, कांकेर, सुकमा एवं बीजापुर) में आम निर्वाचन तथा प्रदेश के 11 जिलों (रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा, महासमुंद, धमतरी, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा एवं कांकेर) में उप निर्वाचन की कार्रवाई जारी कार्यक्रम अनुसार संपन्न होगी। स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित ढंग से निर्वाचन सपन्न कराने हेतु आयोग द्वारा व्यापक तैयारियां की गई हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा संलग्न है।
- 15 नगरपालिकाओं के कुल 370 वार्डो में आम निर्वाचन एवं 16 नगरीय निकायों के 17 वार्डों का उप निर्वाचन सम्पन्न कराया जायेगा। इसमें से 3 वार्डो के उपनिर्वाचन (रायगढ़ वार्ड क्र 9, धमतरी (आमदी वार्ड क्र 14) एवं कांकेर (भानुप्रतापपुर वार्ड क्र 9) में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन दिनांक 25.11.2021 को होने के बाद तत्काल जारी किया जाएगा ।
- नगरपालिकाओं के आम निर्वाचन में 3,87,530 पुरूष मतदाता, 3,90,843 महिला मतदाता, 47 अन्य मतदाता, कुल 7,78,420 मतदाता एवं उप निर्वाचन में 13,225 पुरूष मतदाता, 13,668 महिला मतदाता, 03 अन्य मतदाता, कुल 26,896 मतदाता निर्वाचन में भाग लेंगे। आयोग द्वारा मतदाताओं के फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली तैयार कराया गया है। मतदान के लिए आम निर्वाचन हेतु कुल मतदान केन्द्र 1,000 तथा उप निर्वाचन हेतु कुल 37 मतदान केन्द्र निर्धारित किये गये हैं।
- नगरपालिकाओं के लिए मतदान, मतपेटी के माध्यम से मतदान कराया जावेगा।
- छ.ग. नगरपालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियम 48 (2) के परन्तुक के प्रावधान अनुसार मतदान के समय मतदाताओं के प्रतिरूपण को रोकने और उनकी पहचान को सुगम बनाने तथा पहचान स्थापित करने के लिए आयोग द्वारा 18 पहचान पत्र निर्धारित किए गए है जिसमें से किसी भी एक पहचान पत्र को मतदाता द्वारा प्रस्तुत किए जाने पर मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान की अनुमति दी जा सकेगी। नियम 63.ट (3) (ख) के प्रावधान अनुसार यदि मतदाता किसी भी अभ्यर्थी के पक्ष में मतदान अभिलिखित नहीं करना चाहता है, तो वह मतपत्र में ‘‘उपर्युक्त में से कोई नहीं‘‘ (छव्छम् व्थ् ज्भ्म् ।ठव्टम्) पर अपना मत अभिलिखित कर सकेगा। यह मतपत्र में पार्षद पद के अभ्यर्थियों की सूची के अंतिम अभ्यर्थी के पश्चात् मुद्रित किया जावेगा।
- नगरपालिक निगमों, नगरपालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के निर्वाचन दलीय आधार पर होंगे।
- राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही ऐसे नगर पालिकाओं के क्षेत्रों में जहां निर्वाचन सम्पन्न होना है, आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन सम्पन्न होने तक किसी नगरपालिका द्वारा या राज्य सरकार के किसी विभाग या उपक्रम द्वारा न तो ऐसा कोई आदेश पारित किया जा सकेगा और न ही ऐसी कोई घोषणा की जा सकेगी जिससे किसी क्षेत्र या किसी वर्ग के मतदाताओं को लाभान्वित करने की दृष्टि से कोई सुविधा, छूट, सहायता या किसी भी अन्य रूप में कोई वित्तीय सहायता या धनराशि प्राप्त होती हो। निर्वाचन कार्यवाही की कालावधि में निर्वाचन वाले नगरपालिकाओं या राज्य शासन द्वारा किसी नये कार्य, योजना या परियोजना की स्वीकृति अथवा घोषणा नहीं की जा सकेगी।
- आयोग निर्वाचन प्रक्रिया आचार संहिता के पालन तथा पार्षद पदों के लिए निर्धारित व्यय सीमा पर निगरानी रखने के लिये निर्वाचन प्रेक्षक, व्यय प्रेक्षक नियुक्त किये जाएंगे।
- पार्षद पद हेतु व्यय सीमा निर्धारित की गई है (राजपत्र की प्रति संलग्न) । पार्षद पद हेतु व्यय सीमा की निगरानी हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्वाचन व्यय संपरीक्षक की नियुक्ति की जायेगी, जो पार्षद पद के अभ्यर्थियों की व्यय लेखा की जांच करेंगे। अभ्यर्थिता वापसी हेतु निर्धारित अंतिम तिथि एवं मतदान तिथि के मध्य अभ्यर्थियों द्वारा अपनी व्यय लेखा की अनिवार्यतः जांच निर्वाचन व्यय संपरीक्षक के पास कराया जाएगा। आवश्यकता होने पर निर्वाचन व्यय संपरीक्षक दो बार से अधिक भी जांच हेतु अभ्यर्थी को लेखा रजिस्टर के साथ बुला सकता है।
- विगत आम निर्वाचन वर्ष 2019-20 की भांति इस बार भी इस नगरीय निकाय निर्वाचन में अभ्यर्थियों की सुविधा हेतु आॅनलाईन नामनिर्देशन ;व्छछव्द्ध की व्यवस्था की जा रही है। व्छछव् के माध्यम से अभ्यर्थी अपना नामनिर्देशन पत्र आॅनलाईन भरकर उसका प्रिन्टआउट निकालकर नामनिर्देशन पत्र हेतु निर्धारित तिथि एवं समय में अपने संबंधित रिटर्निंग आॅफिसर को स्वतः/प्रस्तावक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकता है। इस आॅनलाईन व्यवस्था से अभ्यर्थी नामनिर्देशन पत्र में होने वाली तकनीकी (लिपिकीय) त्रुटियों से बच सकेंगे।
- विगत आम निर्वाचन वर्ष 2019-20 की भांति इस बार भी आयोग द्वारा मतपेटी को लाने ले जाने हेतु प्रयुक्त मतपेटी थैली के स्वरूप में भी परिवर्तन किया गया है ताकि मतदान दल को सुविधा हो सके।
- विगत आम निर्वाचन वर्ष 2019-20 की भांति इस बार भी नगरीय निकाय निर्वाचन हेतु निर्वाचक नामावली राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आॅनलाईन साॅफ्टवेयर ैम्ब्.म्त् के माध्यम से तैयार कराया गया है।
- राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के संबंध में निर्वाचन व्यय (लेखा संधारण और प्रस्तुति) आदेश 2019 दिनांक 31 अक्टूबर 2019 एवं निर्वाचन व्यय (मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति गठन एवं दत्त मूल्य समाचार विनियमन) आदेश, 2019 दिनांक 07 नवंबर 2019 जारी किया गया है।
- 14. निर्वाचक नामावली में नाम जुड़वाने हेतु मतदाताओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ‘‘जागव बोटर (जाबो)‘‘ कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें राज्य भर में लोगों की सहभागिता उल्लेखनीय रही है।