स्वच्छ जल संरक्षण सामयिक आवश्यकता – द्विवेदी

स्वच्छ जल संरक्षण सामयिक आवश्यकता – द्विवेदी


राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 27 मार्च । विश्व जल दिवस के अतीव महत्तम परिप्रेक्ष्य अवसर पर शासकीय कमला देवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव के भूगोल विभाग एवं प्राणी-रसायन शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में स्वच्छ जल संरक्षण, जनजागरूकता संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया।

संस्था प्रमुख डॉ. आलोक मिश्रा के प्रमुख संरक्षण में आयोजित संकल्प सभा कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने विशेष रूप से पवित्र मिट्टी-जल-कलश, शुभ-मंगल प्रतीक आम्र-पल्लव के साथ दोनों करों में धारणकर सहकर्मी प्राध्यापकगण सर्वश्री महेन्द्र मेश्राम, श्रीमती नंन्दनी चद्रवंशी, श्रीमती नीलम धनसाय एवं उपस्थित छात्राओं को स्वच्छ जल संरक्षण संकल्प दिलाया गया। आगे डॉ. द्विवेदी ने स्वच्छ जल संरक्षण को सामयिक प्राथमिक आवश्यकता बताते हुए कहा कि सदा-सर्वदाकाल से चर्चित संदेश-कथन ”बिन पानी सब सून, जल जीवन अमृत है”, जल ही जीवन है, जल है तो कल है और 21वीं सदी का सर्वाधिक सामयिक कथन कि-यदि अगला विश्व युद्ध होगा तो वह जल के लिए ही होगा। आदि सभी वर्तमान में देश-धरती में चतुर्दिक गहराते स्वच्छ जल संकट की ओर गंभीर चेतावनी देने के साथ-साथ सर्व जन-जन को नित्य जीवनचर्या में प्रकृति के इस अनमोल देन जल और उसकी प्रत्येक बूंद-बूंद बचाने के लिए भी अभिप्रेरित करते हैं। अनिवार्य रूप से आवश्यक हो गया है कि हम सभी प्रमुख रूप से अपने प्राकृतिक जलस्रोत नदियाँ, झील, प्रपात, तालाब आदि सभी को संरक्षित करें और इनमें गहराते बढ़ते प्रदूषण से भी मुक्त करें। साथ ही घर-घर हो रहे स्वच्छ जल की अपव्यय को भी रोकना अति आवश्यक हो गया है। डॉ. द्विवेदी ने उल्लेखनीय रूप से युवा-प्रबुद्ध वर्ग को आह्वान किया कि स्वच्छ जल संरक्षण जनजागरूकता के लिए वे सभी अवश्य पहल करें तथा नित्य स्वच्छ जल बचायें और इस हेतु सभी को प्रेरित भी करें। यही विश्व जल दिवस का श्रेष्ठ श्रेयष्कर, सार्थक संदेश है। इस अवसर पर छात्राओं स्वच्छ जल संरक्षण के नारों का उद्घोष भी किया।

Chhattisgarh