विश्वाधारम सामाजिक संस्था द्वारा रंग-गुलाल, पिचकारी, खिलौने व मिठाई किए वितरित

विश्वाधारम सामाजिक संस्था द्वारा रंग-गुलाल, पिचकारी, खिलौने व मिठाई किए वितरित

बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ़) 30 मार्च।
विश्वाधारम सामाजिक संस्था विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर गरीबों के लिए वस्त्र, पढ़ाई के लिए किताब-कॉपी भोजन, शिक्षा-दीक्षा यहां तक रक्तदान नि:स्वार्थ सेवा कर समाज में अपनी अप्रतिम छाप छोड़ रखी है। दीपावली होली जैसे महान पर्व में विश्वाधारम संस्था सुदूर ग्राम बीहड़ एवं पहुंच विहीन क्षेत्रों में पहुंचकर बच्चों के चेहरे में खुशियां लाते हैं।

इसी तारतम्य में होली के पावन बेला पर पाली से सुदूर वनाच्छादित व पहाड़ी क्षेत्र सोनईपुर एवं ग्राम रंगोले पाली पहुंचकर करीब लगभग सैकड़ों बच्चों को रंग-गुलाल, पिचकारी, खिलौने मोहरी (एक प्रकार का बाजा) व मिठाई वितरित किए। ग्रामीण बच्चे होली जैसे पर्व को विशेष तरीके से मनाते हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण बच्चों का होली फीका ना पड़े इस बात का ध्यान उक्त संस्था ने रखा, और पर्याप्त मात्रा में होली त्यौहार अपने अनुकूल कर खुशियां लाने वाले सामाग्री बच्चों तक पहुंचाया गया।

इससे पहले अभ्यागत अतिथि चंद्रकांत साहू संस्थापक सामाजिक संस्था विश्वाधारम, श्रीमती रंजीता साहू सदस्य तथा जितेंद्र साहू सदस्य का बच्चों द्वारा ताली बजाकर स्वागत किया गया। ग्राम पहुंचने पर अलग से अनुपम स्वागत किया गया। श्री साहू संस्थापक विश्वाधारम ने बच्चों को बुराई त्याग कर प्रेम स्नेह से रहने, भाईचारा अपनाने दूसरों के दुख दर्द में शामिल होने, व्यसन से दूर रहने पढ़ाई-लिखाई कर भारत माता के सच्चे सपूत बनने के लिए प्रेरित किया। जितेंद्र साहू ने स्वच्छ विचार अपनाने प्राकृतिक रंग से होली खेलने तथा सौम्य रंजीता ने देश सेवा कर नाम कमाने की बात बच्चों से कही।

सब बच्चों को सामाग्री प्रदान करने के साथ ही खुशियों से लथपथ बच्चों ने विश्वाधारम संस्था को थेंक्स कहा। उपस्थित माताओं, पालकों ने प्रतीकात्मक रूप से एक दूसरे के भाल पर गुलाल लगाकर स्नेहिल वातावरण निर्मित किया। शिक्षा व संकुल को विशेष स्थान हासिल करवाने के फलस्वरूप श्री वीरेंद्र जगत व शिक्षक सुनील जायसवाल को माँ भारती की प्रतिमा प्रदान कर संस्था द्वारा सम्मानित किया गया।उक्त क्षण के गवाह बने पालक, माताएं, मोहन सिंह आयम, वीरेंद्र जगत, सुनील जायसवाल मधुलता जायसवाल, संतोषी पैकरा, राजमती,सुशीला महंत, ओम प्रकाश, चंद्रमती, लता महन्त, पूरन दास।

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