रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 5 मई।
1008 श्री वासुपुज्य दिगंबर जैन मंदिर डीडी नगर का चुनाव 4 मई शनिवार को मंदिर स्थित हाल में संपन्न हो हुआ। इस चुनाव में अध्यक्ष सहित नई कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल अवधि दो वर्ष होगी।
पूर्व अध्यक्ष यशवंत जैन ने बताया कि इस वर्ष चुनाव आम सभा के माध्यम से किया गया l जिसमे अध्यक्ष पद पर नरेश सिंघई का चयन किया गया। नई कार्यकारणी में अध्यक्ष नरेश सिंघई, उपाध्यक्ष – अनिल काला, रमेश जैन, डॉ विशाल जैन सचिव विकास सिंघई कोषाध्यक्ष – राजेश सिंघई सहसचिव – मनोज जैन, दीपक जैन कार्यकारिणी सदस्य – बाहुबली जैन, शशांक जैन, महेंद्र जैन प्रमुख सलाहकार – पवन सेठी, डॉ अनुराग, एम के जैन चुने गए है।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर टैगोर नगर में भी आज 5 मई को नई कार्यकारणी का चुनाव किया गया।पूर्व अध्यक्ष पुष्पेंद्र जैन ने बताया की आज का चुनाव वोट के माध्यम से किया गया जिसमे अध्यक्ष राजेश जैन, उपाध्यक्ष नवीन मोदी, सचिव प्रियांक जैन ,कोषाध्यक्ष संदीप जैन,सहसचिव सुबोध जैन कार्यकारिणी सदस्य, रजनीश कुमार जैन और पुष्पेंद्र जैन चुनाव में जीत कर आए है।
दिगंबर जैन मंदिर मालवीय रोड में लगभग 150 वर्ष पुराने मंदिर का पुनर्निर्माण कर लघु तीर्थ बनाने हेतु अंतिम देशना आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के रायपुर प्रवास के दौरान प्रति हुई थी। ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय जैन नायक एवं उपाध्यक्ष श्रेयश जैन ने बताया कि मालवीय रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैसलमेर के पीले पत्थरो से 171 फुट ऊंचे शिखर का 3 मंजिला मंदिर त्रिकाल चौबीसी सस्त्रकुट जिनालय बनाना तय हुआ है।साथ ही संत निवास सर्व सुविधा युक्त धर्मशाला पार्किंग एवं सुन्दर गार्डन का निर्माण कार्य भी किया जायेगा।
लघु तीर्थ बनाने की भावना आचार्य श्री के समक्ष ट्रस्ट कमेटी ने रखी थी। आचार्य श्री की उत्कृष्ठ यम समाधि छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में हुई ये हमारे लिए परम सौभाग्य की बात है । आचार्य श्री अंतिम समय में नवीन जिनालय लघु तीर्थ के निर्माण का मंगल आशीर्वाद हम सभी को मिला है। इसी संदर्भ में दिनाँक 25/01/2024 तिथि पौष कृष्ण पूर्णिमा, वीर निर्माण संवत 2250 गुरुवार को गुरु पुष्प नक्षत्र के पुण्य सुअवसर पर अखंड ज्योति स्थापना की गई है। परम पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज ने नवीन जिनालय लघु तीर्थ के लिए दिशा निर्देश देते हुए अखंड ज्योति प्रज्वलित करने हेतु कहा था।
इस पर अमल करते हुए अखंड ज्योति की स्थापना मूल नायक 1008 श्री आदिनाथ भगवान की वेदी के समक्ष की गई है। यह अखंड ज्योत नवीन जिनालय लघु तीर्थ का कार्य जब तक प्रारंभ होकर पूर्ण नही होता तब तक प्रजवल्लित रहेगी।