यूनिसेफ , जिला प्रशासन और एनएसएस के संयुक्त तत्वाधान में बिलासपुर ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस

यूनिसेफ , जिला प्रशासन और एनएसएस के संयुक्त तत्वाधान में बिलासपुर ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ) 11 जून।

यूनिसेफ छत्तीसगढ़ आज सरकार, समुदाय और पलकों के साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पहले अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन कर रहा है, यह वैश्विक अभियान बच्चों के समग्र विकास में खेल के महत्व को महसूस कराता है।

यूनिसेफ छत्तीसगढ़ की शिक्षा विशेषज्ञ छाया कुवर ने कहा कि, “खेल हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। यह उनके संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक, और भावनात्मक कल्याण में योगदान देता है। खेल बौद्धिक, सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक क्षेत्रों में सीखने के अवसर पैदा करता है – खेल के माध्यम से, बच्चे दूसरों से संबंध बनाते हैं, नेतृत्व कौशल विकसित करते हैं, चुनौतियों का सामना करते हैं और अपने डरों को जीतते हैं।”

यूनिसेफ छत्तीसगढ़ ने इस दिन को मनाने के लिए राज्य के चयनित जिलों में कई गतिविधियों का आयोजन किया है। खेल के महत्व को बढ़ावा देते हुए स्वयंसेवक और माता-पिता बच्चों को पारंपरिक और अन्य खेलों में सक्रिय करेंगे। स्कूल, AWC, और सार्वजनिक स्थानों पर हंसी और आनंद का केंद्र बनाया जाएगा, जहां बच्चे विभिन्न स्थानीय खेलों और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेंगे।

महिला और बाल विकास विभाग बिलासपुर के सहयोग से यूनिसेफ अंगनवाड़ी केंद्रों पर “परवरिश के चैंपियन (पालन पोषण चैंपियन) कार्यक्रम के तहत खेल के महत्व पर सत्र आयोजित कर रहा है जो आँगनवाडी केंद्रों पर बच्चों के लिए आयोजित किया गया।

जिला बिलासपुर के कुछ विशेष पिछड़े गाँव में बच्चों में समाजिकता का भाव भरने के उद्देश्य से युवोदय मनोबल स्वयंसेवकों द्वारा बच्चों को विभिन्न प्रकार के खेल करवाये गये जैसे चिड़िया उड़ , गोटा , भौंवरा , नदी पहाड़ , बाग बकरी , पंजा लड़ायी , गेड़ी , तिरी पासा , पिंकी पिंकी वाट कलर , कुदौल्ला इत्यादि ।

“खेल बच्चों के जीवन में सृजनात्मकता, नवाचार, और नेतृत्व को बढ़ावा देता है। जब बच्चे खेलते हैं, तो वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हैं। इन उद्देश्यों के साथ, चलिए 11 जून को अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस का जश्न मनाते हैं, हमारे स्कूलों, घरों, और पड़ोस में बच्चों के साथ खेल की गतिविधि में शामिल होकर, और उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समर्थन करते हैं,” – अभिषेक सिंह, सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन विशेषज्ञ, यूनिसेफ छत्तीसगढ़।


संग्या टंडन, आरपा सामुदायिक रेडियो, बिलासपुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी सामुदायिक रेडियो स्टेशन आज इस अभियान का हिस्सा हैं और समुदाय के साथ माता-पिता की भूमिका और खेल के महत्व पर संवाद कर रहे हैं।

संध्या 5 बजे से एनएसएस बिलासपुर से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से प्रोफेसर मोना केवट द्वारा ग्राम परसादा ब्लॉक कोटा बिलासपुर में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे जिला संगठक जिला समन्वयक एनएसएस मनोज सिन्हा,जिला एनएसएस संगठक श्रीमती कांति आँचल, जिला सलाहकार यूनिसेफ़ रुमाना ख़ान, सरपंच सन्तराम लहरे, उप सरपंच जागेश्वर यादव , पंच राकेश वस्त्रकार, पंच राम केवट सहयोगी सुभाष केवट , आशीष सूर्यवंशी बड़ी संख्या में बच्चे एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे। एनएसएस ज़िला समन्वयक बिलासपुर श्री मनोज सिन्हा जी ने इस पहल की सराहना करते हुए बताया गाया की स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग़ का वास होता है और वर्तमान में बच्चों के विकास के लिए प्रतिदिन खेलकूद बहुत आवश्यक है।

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