सुरगी/ राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 18 दिसम्बर । साकेत साहित्य परिषद सुरगी द्वारा 16 दिसंबर को शाम 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक आनलाइन परिचर्चा एवं कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें 25 से अधिक रचनाकार सम्मिलित हुए। प्रथम सत्र में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वप्नदृष्टा और सामाजिक क्रांति के प्रतीक पं. सुंदर लाल शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई।
सर्वप्रथम युवा कवि, लोक गायक डोहर दास साहू ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामेश्वर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार, गीतकार एवं जिला समन्वयक, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग रायपुर थे एवं अध्यक्षता जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवं साकेत साहित्य परिषद के संरक्षक कुबेर सिंह साहू ने की। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सुंदर लाल शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और महान साहित्यकार थे। उनके अवदान को जानना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है।कुबेर सिंह साहू ने कहा कि जिस प्रकार से राष्ट्रीय परिदृश्य में महात्मा गांधी और डा. भीमराव अंबेडकर ने छुआछूत को दूर करने का सार्थक काम किया वही काम हमारे छत्तीसगढ़ में गुरू घासीदास बाबा और सुंदर लाल शर्मा ने किया।
इन महापुरुषों के कारण ही छत्तीसगढ़ समन्वय एवं सद्भावन की धरती के रूप में विख्यात है। कुबेर ने कहा कि अस्पृश्यता अभियान के लिए महात्मा गांधी ने पं. सुंदर लाल शर्मा को अपना गुरु माना। विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार, समीक्षक महेन्द्र कुमार बघेल मधु ने उनके द्वारा किए गए समाज सुधार के कार्य के साथ ही उनके साहित्यिक योगदान को रेखांकित किया।
मधु ने कहा कि शर्मा जी ने छत्तीसगढ़ी में दानलीला जैसे खंड काव्य लिख कर छत्तीसगढ़ी को समृद्ध किया है। आधार वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए साकेत साहित्य परिषद सुरगी के अध्यक्ष ओमप्रकाश साहू अंकुर ने कहा कि हमारे पुरखों द्वारा किए गए महान काम का स्मरण करना बहुत जरूरी है।
सुंदर लाल शर्मा अपने महान कार्यों के कारण छत्तीसगढ़ के गांधी कहे जाते है। उन्होंने राजीव लोचन मंदिर में अछूतों को प्रवेश करा कर उस समय व्याप्त छुआछूत के विरुद्ध प्रतिकार किया था। इस हेतु उन्हें तरह- तरह से उपहास सहना पड़ा परंतु अपने समाज सुधार कार्य पर अडिग रहे।
परिचर्चा का प्रभावी संचालन संयुक्त रूप से लखन लाल साहू लहर पूर्व अध्यक्ष साकेत साहित्य परिषद और मदन मंडावी युवा कलमकार और आभार व्यक्त राज कुमार चौधरी रौना सचिव साकेत साहित्य परिषद सुरगी ने किया। द्वितीय सत्र में सरस कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस सत्र में गीतकार अमृत दास साहू ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। कवियों ने विभिन्न रसों से ओतप्रोत रचनाएं पढ़ी। काव्य पाठ करने वालों में रामेश्वर शर्मा रायपुर,महेन्द्र कुमार बघेल मधु, ओम प्रकाश साहू अंकुर, राज कुमार चौधरी रौना, लखन लाल साहू लहर, हीरा दास साहू,रोशन लाल साहू, रामकुमार चंद्रवंशी, हेम लाल सहारे, मदन मंडावी, पदमा साहू,पवन यादव पहुना, नंद किशोर साव नीरव, दूज राम साहू,वेद कुमारी साहू ,नंदकुमार साहू नादान, दुर्गेश सिन्हा दुलरवा, विमल साहू ,प्रदीप साहू ,कुलेश्वर दास साहू, कोमल सिंह गुरु, वेदराम पटेल ,रूपल साहू ,डोहर दास साहू, अमृत दास साहू, शिवप्रसाद लहरे, भूपेन्द्र कुमार प्रभात,डा. एस कुमार साहू सम्मिलित है।
कवि गोष्ठी का संयुक्त रूप से सरस संचालन रोशन लाल साहू, अमृत दास साहू और आभार व्यक्त ओमप्रकाश साहू अंकुर अध्यक्ष, साकेत साहित्य परिषद सुरगी ने किया।