31 दिसम्बर को नशे की बोतल खुलती है और भारतीय नये वर्ष चैत्र के नववर्ष में गंगा जल खुलता…. केवल कलैन्डर बदला है,  तूम तो जैसे थे वैसा ही रह गये- पंडित प्रदिप मिश्रा

31 दिसम्बर को नशे की बोतल खुलती है और भारतीय नये वर्ष चैत्र के नववर्ष में गंगा जल खुलता…. केवल कलैन्डर बदला है, तूम तो जैसे थे वैसा ही रह गये- पंडित प्रदिप मिश्रा

(हितेश मानिकपुरी) रायपुर (अमर छत्तीसगढ) – श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन आज पंडित प्रदीप मिश्रा जी आज की कथा में भारत माता दिवस पर बधाई दी। भारत काशी प्रदेश में संत हुये। भष्म का सिंगार करते है।शिव पर चढाये गये बेल पत्र, गाय का दूध।

शंकर जी को आपकी जल की जरूरत नही है। आप यह ना सोचे हम जल बेल पत्र चढा रहे है। तो यह ना सोचे। क्यो कि आदि शक्ति उस पर विराजमान है। शिव को दिप तिलक की जरूरत नही है।
शंकर के पास चंद्रमा है। आप किसी को भिक्षा दे रहे हो, शिक्षा दे रहे हो, किसी का मदद कर रहे हो। एक दिन पूरा भरा धन शिव आपको जरूर देंगे। जीते जी दान किया, वह मरते दम तक नही छोडेगा जीते जी भजन कर रहे हो, दान कर रहो। वह आपके पास जरूर आयेगा। एक लोटा जल भगवान शंकर पर समर्पित किया। वह आपके लिये किया है।


शिव पर चढाये हुये जल को पीने और खाने से वह अमृत बन जाता है। शिव पर भष्म चढाये।
पुष्प चढाये, बेल पत्र चढाये। शंकर जी की फोटो शिव जी के कान में कनेर का पुष्प लगा रहता है। जमना दास जी पुष्पा तैयार करते है। डलिया के फुल को एक रूप में खरीदना चाहता है।

फुल का माला तैयार करने के लिये। एक राजा यमन राज के लिये 2 रूपए। दोनों में फूल को लेकर रेट बढाते रहे। जमना दास जी ने अपना जमीन बेच कर ठाकुर जी के लिये 50 हजार का फूल खरीदा। कोई परिवार ऐसा भी है बीवी बच्चे के लिये 20 रू का
फूल लाता है। परमात्म के लिये सस्ता फूल लाता है।
जब भी घर में साडी या कपडे अपने परिवार के लिये लाते है तो अपने परमात्मा के पास चढा दो।


उसके बाद वह प्रसाद का रूप बन जाता है।किसी भी भंडारे में भोजन करते है तो घर में खाते हो वह उससे भी ज्यादा स्वादिष्ट खाना वहा का रहता है। जो एक भगवान की प्रसाद है। देवांगन जी आप भी एक दिन यहा के भंडारे की भोज जरूर सेवन करना।

चाहे किसी गुरू द्वारा, मंदिर, साधू संत की स्थल, या धार्मिक जगह जाओ वह का भी प्रसाद सेवन करना चाहिये। भगवान पर चढा हुआ 200 रूपए का साडी वह एक प्रसाद है। जो किसी को भी दान करोगे वह प्रसाद है।

सनातन के लिये इधर उधन ना भटको। कहते है हैप्पी न्यू ईयर। कुछ नही हुआ। केवल कलैन्डर बदला है। तूम तो जैसे थे वैसा ही रह गये। क्या मतलब,जब बसंत बदले। मेरे भारत की भूमि की हरियाली बदले। जब आपके चहरे की रौनक बदले। जब आपका दिल प्रफुलित हो वो चैत्र का महिना तब मालूम पडता है की नया वर्ष आया है।

31 दिसम्बर की तारिक को दारू की बोतल खुलती है। और भारतीय नये वर्ष चैत्र के नववर्ष में गंगा जल खुलता है। अग्रेजी नये वर्ष 31 को लोग पीपी के गटर में मिलते है। चैत्र नव वर्ष में सनाति लोग मंदिर और शिवालय में मिलते है। मेरे भारत वासियों से निवेदन है। मेरे देश वासियों से निवेदन है।

मेरे सनातियों से निवेदन है। आप 31मना रहे हो मनाओं । हमारी तरफ से पूरी छुट है। याद रखना उस 31के दिन भी मय खाने में मदरा के दुकान पर नही। कुबेश्वर धाम महाकाल की भूभि पर जाइये।हमारे रायपुर के कोई शंकर मंदिर,राममंदिर, चंपारेश्वर महादेव मंदिर, और छत्तीसगढ के प्राचीन शिवालय में जाइये महाराष्ट्र के प्राचीन शिवालय में जाइये। अगर मनाना है तो शंकर की शरण और चरणों में मनाये।आप कितने किस्मत वाले हो छत्तीसगढ वालों दिसम्बर की कथा मिली और 4 जनवरी से हालेकोसा छुरिया 10 जनवरी तक शिव की शिव की शरण मिलेगी।

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