राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 24 अप्रैल। पानी बचाने सभी को आगे आना होगा तभी पानी की समस्या से छुटकारा पायी जा सकती है पानी बचाने के लिए निकासी स्थान पर सोख्ता गड्ढा बनाए, जहां पर नाला है जो बरसात में मिट्टी काटते हुए मिट्टी को नष्ट करती है उसके साथ ही हमारी पानी बहते हुए नदी में चले जाते है जिसका उपयोग नही कर पाते है पर्याप्त मात्रा में बरसात होने के बावजूद रबी में बोये धान को काफी नुकसान हुआ है।

1 एकड़ धान के खेती के बदले 3 एकड़ मक्का एवं अन्य फसल ली जा सकती है। आज प्रतिदिन लगने वाले पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है, उक्त बातें बुधवार को आयोजित हरियाली बहिनी नीर और नारी जल यात्रा ग्राम रेंगाकठेरा एवं बरगाही में पद्मश्री श्रीमती फूलबासन यादव ने कही । यादव ने आगे बताया कि जल यात्रा करने का उद्देश्य लोगो को जल के लिए जागरूक करना है ।
गर्मी में अभी भी कुछ जगहो पर पानी बहते हुए देखा गया है यह कार्यक्रम लगातार लोगो को जागरूक करने किया जा रहा है हर गांव में सोख्ता गड्ढा, नाला बंधान, डबरी निर्माण अधिक से अधिक हो इसके लिए हरियाली बहिनी एवं जिला प्रशासन निरंतर लगी हुई है।

इस दौरान हरियाली बहिनी अगसिया साहू एवं जनिया साहू ने भी संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से हम धन को बचाते है वैसे ही पानी को बचाना होगा । इस दौरान ग्राम पंचायत के पदाधिकारी, माँ बम्लेश्वरी समूह, बिहान समूह, ग्राम संगठन, बिहान कैडर सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी गण उपस्थित थे।