रायपुर : प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तीजा त्यौहार के आने पर महिलाएं बहुत ही उत्साहित रहती है क्योंकि तीजा कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री निवास में होता है महिला बहनों का मान सम्मान होता है मुख्यमंत्री निवास मे तीजा के कार्यक्रम का ये तीसरा साल है.
पूर्ववर्ती सरकार में महिला बहनों के लिए मुख्यमंत्री निवास में ऐसा आयोजन नहीं होता था वंदना राजपूत ने तीजा (हरतालिका तीज) के अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में पारंपरिक तीज-त्यौहार रचे बसे हैं। इनका हमारी संस्कृति में विशेष महत्व और प्रभाव रहा है। यहां तीजा की भी विशिष्ट परम्परा रही है। तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई उन्हें ससुराल से मायके लिवाकर लाते है। बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके का इंतजार करती हैं। इस मौके पर मायके में सहेलियां मिलकर अपना सुख-दुख साझा करती हैं। तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण करने की परम्परा है। तीज के दिन महिलाएं पति की मंगलकामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी रात जागकर भजन-कीर्तन कर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने तीजा में अवकाश दिलाया जिसके कारण कामकाजी महिलाएं भी चिंतनरहित हर्षउल्लास के साथ तीजा त्यौहार को मनाने लगी है. छत्तीसगढ़ सरकार अपनी मूल संस्कृति से जुड़े त्यौहारों और परम्पराओं को सहेजने का हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश में हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश की शुरूआत की गयी है। इसके साथ ही लोक पर्वों के सामाजिक सरोकारों को बनाए रखने के लिए उनको जन सहभागिता से पूरे उत्साह के साथ मनाने की परंपरा शुरू की गई है। जिससे नई पीढ़ी भी लोक संस्कृति और त्यौहारों से जुड़ने लगी हैं।