छुईखदान(अमर छत्तीसगढ़)– छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय त्योहारों में चतुर्थ अगहन वृहस्पति पूजा एक दिसम्बर 2022 गुरुवार को रानी मंदिर छुईखदान में महिलाओं द्वारा सामूहिक पूजा अर्चना किया गया । मंदिर समिति के संरक्षक लतारानी लाल जे के वैष्णव ने जानकारी दी कि महिलाएं घर में पूजा कर रानी मंदिर में प्रतिष्ठित मां लक्ष्मी जी कलश, धान की बाली , रखिया कांदा की सामूहिक पूजा कर कथा वाचन हुंकारु अनिवार्य रूप से देकर भोग लगाती हैं । पूजा से पहले बुधवार की शाम से ही घर की साफ-सफाई , मंदिर परिसर की साफ-सफाई गोबर से लीपकर चौक रंगोली मुख्य द्वार से पूजा स्थल तक चूना छुही से चौंक बनाकर विशेष रूप से मां लक्ष्मी जी के पद चिन्ह को चावल के आटे के घोल से बनाकर हल्दी चावल पुष्प फूल चढ़ाकर दीपक जलाते हैं ।
गुरुवार के दिन सुबह दोपहर शाम तीन समय पूजा होती है जिसमें कथा श्याम बाला , जगन्नाथ बलभद्र , नल दमयंती , सीरिया पीरिया ब्राम्हण कन्या की कथा , सहस्त्र कमल दल चौंक पर होता है । भोग में मीठा चीला , बोबरा, मालपुआ ,हल्वा , खीर , तिलगुंजिया , पूरनपूडी का भोग लगाकर मां लक्ष्मी जी की सामूहिक भजन कीर्तन करते हैं ।
इस अवसर पर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी को भोग लगाकर छोटी रानी पुष्पलता देवी द्वारा भंडारा आयोजन किया गया । रंजना सोनी , भारती यादव, प्रमिला जंघेल , रंजना सिंह , कुमारी श्रीवास , काजल तम्बोली, मधु राजपूत, सीमा अनिल राजपूत पुजारी ,मिथिला ठाकुर, पार्वती यादव , लतारानी वैष्णव , जमुना यादव, संगीता संजय वैष्णव , सुप्रिया महोबिया,राखी , पूजा ,रेणू , रानू ,रीनू महोबिया , ललिता यादव , दिव्या प्रधान, आकांक्षा उपाध्याय , चन्द्रकला निशा नामदेव , दामिनी , आरती भुनेश्वरी , वीणा यादव , नंदनी ठाकुर , रजमत चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में भक्त महिलाएं उपस्थित रहतीं हैं।