राजयोग द्वारा मन की शांति संभव-भगवान भाई

राजयोग द्वारा मन की शांति संभव-भगवान भाई


राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 12 सितंबर ।
राजयोग द्वारा अपने कर्मेन्द्रियों पर संयम कर कर्म में कुशलता से सकारात्मक चिंतन, सकारात्मक वृति और दृष्टिकोण की उपलब्धि होती हैं जिससे हम व्यर्थ से बच सकते हैं । राजयोग के अभ्यास द्वारा तनाव मुक्त बन हम अनेक मानसिक और शारीरिक बीमारियों से स्वंम को बचा सकते हैं। मानसिक और शारीरिक बीमारियों से बचने का राजयोग एक कवच कुंडल हैं। उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे | वे स्थानीय ब्रह्माकुमारी के नवनिर्मित भवन ज्ञान मान सरोवर दो दिवसीय राजयोग साधना योग भट्टी में एकत्रित ईश्वर प्रेमी भाई राजयोग का जीवन में महत्व विषय पर बोल रहे थे ।


भगवान भाई ने राजयोग की विधि बताते हुए कहा कि स्वंम को आत्मा निश्चय कर चाँद, सूर्य, तारांगण से पार रहनेवाले परमशक्ति परमात्मा को याद करना, मन-बुद्धि द्वारा उसे देखना, उनके गुणों का गुणगान करना ही राजयोग हैं । राजयोग के द्वारा हम परमात्मा के मिलन का अनुभव कर सकता हैं । उन्होनें कहा की राजयोग के अभ्यास द्वारा ही हम काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, नफरत आदि मनोविकारों पर जीत प्राप्त कर जीवन को अनेक सद्गुणों से ओतप्रोत वा भरपूर कर सकते हैं । राजयोग के द्वारा मन को दिशा निर्देशन मिलती हैं जिससे मन का भटकना समाप्त हो जाता हैं।
राजयोगी भगवान भाई ने अपने अनुभव के आधार से बताया की राजयोग के अभ्यास से विपरीत परिस्थिति में भी सकारात्मक चिंतन के द्वारा मन को एकाग्र किया जा सकता है। उन्होनें कहा कि वर्तमान की तनावपूर्ण परिस्थितियों में मन को एकाग्र और शांत रखने के लिए राजयोग संजीवनी बूटी की तरह काम आता हैं | उन्होनें कहा कि राजयोग के अभ्यास द्वारा सहनशीलता, नम्रता, एकाग्रता, शांति, धैर्यता, अंतर्मुखता ऐसे अनेक सद्गुणों का जीवन में विकास कर सकते है । राजयोग द्वारा ही मन की शांति संभव है। उन्होनें बताया की राजयोग के अभ्यास से अतींद्रिय सुख की प्राप्ति होती हैं । जिन्होनें अतींद्रिय सुख की प्राप्ति कर ली उनको इस संसार के वस्तु, वैभव का सुख फीका लगने लगता हैं ।
स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र की संचालिका बी के पुष्पा बहन ने कहा कि राजयोग के द्वारा हम अपने इंद्रियों पर सयंम रखकर अपने मनोबल को बढा सकते हैं । राजयोग द्वारा आंतरिक शक्तियाँ और सद्गुण को उभार कर जीवन में निखार ला सकते हैं उन्होंने राजयोग को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने की अपील किया ।
कार्यक्रम के बी के भगवान भाई ने राजयोग का अभ्यास कर सभी को शांति का अनुभव कराया ।विभिन्न विषय पर प्रकाश डालकर गृहस्थ में रहते तनाव मुक्त खुशहाल कैसे रहे वह टिप्स दिया ।
इस कार्यक्रम में डोंगरगढ़ , खैररगढ़, कवर्धा, मोहला, गंडई, कुंडा, पांडातराई, चुहिखदान, चौकी, राजनांदगांव और आस पास के ब्रह्माकुमारी पाठशाला के भाई बहनों ने इस कार्यक्रम भाग लिया ।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र कि वरिष्ठ बहने योगेश्वरी बहन , निलेश्वरी बहन , चंद्रकली बहन , सोनिया बहन , भोज बहन , हेमी बहन , कुंती बहन , दामिनी बहन ने भाई भाग लिया था ।

Chhattisgarh