स्वयं की पहचान ही आंतरिक सुंदरता का आधार – बी के रंभा बहन

स्वयं की पहचान ही आंतरिक सुंदरता का आधार – बी के रंभा बहन

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 27 दिसम्बर ।- आज हम जब किसी से पूछते है की आप कौन है तो लोग कहते है मैं डॉक्टर हूं , मैं वकील हूं या मैं अमीर हूं मैं चार बच्चो का पिता हूं इत्यादि परंतु ये तो मनुष्य का अस्थाई परिचय है जो कि जन्म दर जन्म बदलते रहता है । लेकिन सच्चाई ये है कि हम ज्योति बिंदु स्वरूप भृकुटी के मध्य निवास करने वाली एक शांत स्वरूप आत्मा है । स्वयं के इस सत्य परिचय से हमारा जीवन सशक्त हो जाता है और यही आंतरिक सुंदरता का आधार है । यह वक्तव्य प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से मुख्य अतिथि के रूप में पधारी ब्रह्माकुमारी रंभा बहन जी ने उच्चारित की ।

ज्ञात हो जन शिक्षण संस्थान राजनांदगांव द्वारा ग्राम फुलझर में स्वर्णिम भारत का आधार सुसंस्कृत एवम सशक्त नारी विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ प्रारंभ हुई । कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए जन शिक्षण संस्थान के निदेशक श्री झालम सिंह ने कहा कि आज नारियों को उनके अंदर विद्यमान शक्ति से परिचित कराना आवश्यक है जिससे वे सशक्त होकर अपना योगदान सुखमय संसार के निर्माण में दे सके । इसलिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ब्रह्माकुमारी महिमा बहन जी ने सभी महिलाओं को राजयोग का अभ्यास कराया । इस कार्यक्रम में जन शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी श्री भागवत कुंभकार , श्री ओंकार प्रसाद प्रशिक्षिका इंदू यादव कमलेश्वरी साहू एवम् लाभार्थी उपस्थित थे ।

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