दिल्ली/रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 24 मई। विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल आफ इकोनोमिक्स के भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सुरेश चंद्र राय को जलवायु परिवर्तनशीलता और पारम्परिक कृषि में कृषि जैव विविधता और आजीविका सुरक्षा पर इसके प्रभाव विषय पर उनके काम के लिए 2024 क्रिस्टल कम्पास पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ।यह पहली बार है कि किसी भारतीय को यह पुरस्कार मिला है । क्रिस्टल कम्पास एक प्रतिष्ठित अन्तराष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसे भूगोल पारिस्थितिकी और प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों और अद्वितीय परियोजनाओ के लिए 2012 में प्रदान किया गया था । इस वर्ष दुनिया के 14 देशों के 600 से अधिक प्रतिभागी पुरस्कार के लिए आवेदन किए । आवेदकों में रूस, भारत, अमेरिका, फ्रांस, मिस्र, बेलारूस, मोल्दोवा, सर्विया, अजरबेजान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान के प्रतिनिधि शामिल थे । पहली बार तुर्कमेनिस्तान, नेपाल, तजाकिस्तान की परियोजनाओ ने पुरस्कार के लिए भाग लिया । वर्ष 2024 में राष्ट्रीय पुरस्कार रुसी भौगोलिक सोसायटी के तत्वावधान में और सांस्कृतिक पहल के लिए राष्ट्रपति फाऊंडेशन के समर्थन से आयोजित किया जाता है ।
इसके अलावा प्रोफेसर सुरेश चन्द्र राय को 1999 का यू एस मृदा और जल संरक्षण सोसायटी पुरस्कार और विली और चार्टर्ड इन्स्टीट्यूट आफ वाटर एण्ड एन्वायर्न्मेंटल मैनेजमेंट (CTWEM) लंदन से 2016 का अत्यधिक सराहनीय पेपर पुरस्कार भी मिला ।
डॉक्टर सुरेश चंद्र पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में डॉ की उपाधि हेतु परीक्षक के रूप में आते हैं ।आपका छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को शोध की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और रहेगा। यह हमारे भूगोल जगत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। आपको बहुत बहुत बधाईयां एवं शुभकामनाएं ।